मोदी सरकार खाद्य सुरक्षा पर प्रतिशोध की राजनीति कर रही है: कांग्रेस

Update: 2023-07-10 11:35 GMT
नई दिल्ली: कांग्रेस ने सोमवार को भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर कर्नाटक में पार्टी की अन्न भाग्य योजना के लिए खाद्यान्न उपलब्ध नहीं कराने पर खाद्य सुरक्षा पर प्रतिशोध की राजनीति करने का आरोप लगाया।
दरअसल, कर्नाटक सरकार एक योजना शुरू कर रही है, जिसमें 4.42 करोड़ व्यक्तियों में से प्रत्येक को हर महीने 170 रुपये हस्तांतरित करेगी। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक ट्वीट में कहा, ''मोदी सरकार ने कर्नाटक में गरीबों के लिए खाद्य सुरक्षा पर घटिया और प्रतिशोध की राजनीति की है। इन्होंने कर्नाटक सरकार की अन्न भाग्य गारंटी में बाधा डालने की कोशिश की। लेकिन आज से राज्य सरकार ने उन्हें करारा जवाब दिया है। अतिरिक्त ‌चावल खरीदने के प्रयास भी जारी हैं।''
जयराम रमेश ने कहा, "कर्नाटक में कांग्रेस सरकार की अन्न भाग्य गारंटी, गरीबी रेखा (बीपीएल) से नीचे के सभी परिवारों को 10 किलो मुफ्त चावल देने की थी। इसका मतलब है कि जितना मिल रहा है उसका दोगुना।"
उन्होंने कहा कि 12 जून, 2023 को भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) आवश्यक अतिरिक्त चावल की आपूर्ति करने पर सहमत हुआ था, जिसके लिए राज्य सरकार 34 रुपये प्रति किलोग्राम का भुगतान करने पर सहमत हुई थी। जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि ठीक एक दिन बाद मोदी सरकार ने एफसीआई को इथेनॉल उत्पादकों को 20 रुपये प्रति किलोग्राम पर चावल बेचने की अनुमति देते हुए मंजूरी रद्द कर दी। कांग्रेस नेता ने कहा, "12 जून, 2023 को इसके लिए आवश्यक अतिरिक्त चावल की आपूर्ति करने पर एफसीआई ने सहमति जताई थी और राज्य सरकार 34 रुपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से भुगतान करने को तैयार थी। लेकिन, एक ही दिन बाद मोदी सरकार ने इस मंजूरी को रद्द कर दिया। जबकि, इथेनॉल उत्पादकों को 20 रुपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से चावल बेचने की अनुमति एफसीआई को मिली रही।
उन्होंने आगे कहा, "लेकिन कर्नाटक की कांग्रेस सरकार अपनी गारंटी को लागू करने के संकल्प से पीछे नहीं हटेगी। फिलहाल के लिए आज एक ऐसी योजना शुरू कर रही है, जिसके तहत राज्य के 4.42 करोड़ राशन कार्ड लाभार्थियों में से प्रत्येक व्यक्ति को हर महीने 170 रुपए ट्रांसफर किए जाएंगे। यह पैसा उस राशि के बराबर है जो राज्य सरकार ने एफसीआई को दिया होता, अगर मोदी सरकार अंतिम समय में हस्तक्षेप नहीं करती और पर्याप्त बफर स्टॉक उपलब्ध होने के बावजूद चावल की बिक्री पर रोक नहीं लगाती।"
सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि कर्नाटक सरकार को एफसीआई से चावल खरीदने से रोकने के बाद मोदी सरकार ने एफसीआई से निजी व्यापारियों को इस शर्त के साथ चावल की ई-नीलामी करने को कहा कि कर्नाटक उनसे चावल नहीं खरीद सकता। लेकिन यह ई-नीलामी बुरी तरह फ्लॉप हो गई। ई-नीलामी के लिए रखा गया 99.9 प्रतिशत से अधिक चावल बिना बिके रह गया। चाहे कुछ हो, यह स्पष्ट है कि मोदी सरकार को राज्य सरकारों और सार्वजनिक वितरण प्रणाली की तुलना में महंगाई को नियंत्रित करने के लिए निजी व्यापारियों पर अधिक भरोसा है।
उन्होंने कहा, "कर्नाटक की कांग्रेस सरकार द्वारा आज से शुरू की गई कैश ट्रांसफर योजना ग़रीबों की खाद्य सुरक्षा के मामले में मोदी सरकार की प्रतिशोध से भरी नीतियों का करारा जवाब है। विशेष रूप से उस राज्य में जहां भाजपा को पूरी तरह से नकार दिया गया था। ये नीतियां सहयोगात्मक संघवाद के लिए सही नहीं है, जिसके बारे में प्रधानमंत्री बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। सहयोगात्मक संघवाद के बजाय ये टकरावपूर्ण संघवाद के सबसे ख़राब रूप को दर्शाती हैं।"
बता दें एफसीआई द्वारा दक्षिणी राज्य में अपनी पांच गारंटियों में से एक के लिए कर्नाटक सरकार को चावल की आपूर्ति करने से इनकार करने के बाद कांग्रेस केंद्र सरकार की आलोचना कर रही है। कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद राज्य में अन्न भाग्य योजना का वादा किया था।
Tags:    

Similar News

-->