मोदी ने भ्रष्टाचार के लिए पिछली सरकारों की नीतियों को दोषी ठहराया, कहा- अब सिस्टम बदला है
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नई दिल्ली (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में भ्रष्टाचार के उदय के लिए पिछली सरकारों की नीतियों और विरासत को जिम्मेदार ठहराया है। विज्ञान भवन में 16वें लोक सेवा दिवस पर शुक्रवार को लोक सेवकों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने पिछली सरकारों की नीतियों के परिणामों के उदाहरण दिए। उन्होंने कहा कि देश में चार करोड़ से ज्यादा फर्जी गैस कनेक्शन थे। चार करोड़ से ज्यादा फर्जी राशन कार्ड थे। एक करोड़ काल्पनिक महिलाओं और बच्चों को महिला और बाल विकास मंत्रालय की सहायता जा रही थी।
उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक मंत्रालय करीब 30 लाख फर्जी युवाओं को स्कॉलरशिप का लाभ दे रहा था। मनरेगा के तहत देश में लाखों ऐसे फर्जी अकाउंट बने, लाखों ऐसे श्रमिकों को पैसे स्थानांतरित किए गए जिनका अस्तित्व ही नहीं था।
उन्होंने व्यवस्था में हुए परिवर्तन के लिए लोक सेवकों को श्रेय देते हुए कहा कि अब सिस्टम बदला है। देश के करीब-करीब तीन लाख करोड़ रुपए गलत हाथों में जाने से बचे हैं। आज ये पैसे गरीबों की भलाई के काम आ रहे हैं, उनका जीवन आसान बना रहे हैं।
उन्होंने कहा, विकसित भारत के लिए, व्यवस्थाओं में बदलाव के लिए अब देशवासी और ज्यादा इंतजार नहीं करना चाहते। देश के लोगों की इस आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हम सबको पूरे सामथ्र्य से जुटना ही होगा, तेजी से निर्णय लेने होंगे, उन निर्णयों को उतनी ही तेजी से लागू करना होगा।
प्रधानमंत्री ने नौकरशाही के रवैये में बदलाव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पहले सोच थी कि सरकार सब कुछ करेगी, लेकिन अब सोच है कि सरकार सबके लिए काम करेगी।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का आदर्श वाक्य 'राष्ट्र प्रथम-नागरिक प्रथम' है और यह वंचितों को प्राथमिकता दे रही है।
मोदी ने कहा, एक नौकरशाह के तौर पर, एक सरकारी कर्मचारी के तौर पर अब आपको अपने हर निर्णय में कुछ सवालों का ध्यान रखना पड़ेगा - जो राजनीतिक दल सत्ता में आया है, वह करदाताओं के पैसे का इस्तेमाल अपने दल के हित के लिए कर रहा है, या देश के हित के लिए? उसका उपयोग कहां हो रहा है? वह राजनीतिक दल अपना वोटबैंक बनाने के लिए सरकारी धन लुटा रहा है या फिर सभी का जीवन आसान बनाने के लिए काम कर रहा है?