मॉडल हत्याकांड: केस की चार्जशीट पेश, मुख्य आरोपी बोला- लेस्बियन थी, 40 से अधिक गवाह

ब्लैकमेल कर 30 लाख रुपये की भी डिमांड कर रही थी।

Update: 2024-04-04 11:45 GMT
गुरुग्राम: गुरुग्राम की मॉडल और गैंगस्टर संदीप गाड़ौली की गर्लफ्रेंड दिव्या पाहुजा हत्याकांड में अब एक चौंकाने वाला सनसनीखेज खुलासा हुआ है। दिव्या को गोली मारने वाले होटल मालिक अभिजीत के मुताबिक, दिव्या समलैंगिक थी। दिव्या ने खुद उसे यह बात बताई थी और अपने लिए एक लड़की की डिमांड भी की थी। अभिजीत ने बताया कि दिव्या उसे ब्लैकमेल कर 30 लाख रुपये की भी डिमांड कर रही थी। दिव्या, अभिजीत के परिवार और दोस्तों को उनके संबंधों के बारे में बताने की धमकी देकर ब्लैकमेल कर रही थी। वह उसकी एवज में एक बड़ी रकम मांगने के लिए लगातार दबाव बना रही थी। इसके चलते 2 जनवरी को गुरुग्राम के सिटी पॉइंट होटल में होटल व्यवसायी अभिजीत सिंह ने दिव्या पाहुजा की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस का मानना ​​है कि सनसनीखेज घटना के लिए यही कारण था। कोर्ट में दाखिल की गई चार्जशीट में इसका खुलासा हुआ है।
बता दें कि अभिजीत दिव्या पाहुजा को साल 2014 से जानता था। वह बस स्टैंड के पास उसके होटल में आती थी और उनके बीच अवैध संबंध थे। मुंबई पुलिस ने 2016 में दिव्या को गैंगस्टर संदीप गाड़ौली के एनकाउंटर के मामले में गिरफ्तार किया था, तब उसका संपर्क खत्म हो गया था। जुलाई 2023 में जमानत पर बाहर आने के बाद दिव्या फिर से अभिजीत के संपर्क में आई और तब से अभिजीत ने दिव्या को आईफोन सहित 3.5 लाख रुपये दिए हैं।
अभिजीत ने अपने बयान में पुलिस के सामने खुलासा किया कि दिव्या ने बड़ी रकम की मांग करना शुरू कर दिया था। अभिजीत रकम देने से इनकार कर रहा था। दिव्या ने कथित तौर पर अभिजीत के परिवार और दोस्तों को उनके रिश्ते के बारे में बताने की धमकी देना शुरू कर दिया था ताकि उनके परिवार और करीबी लोगों में उनकी प्रतिष्ठा खराब हो सके।
घटना से एक दिन पहले 1 जनवरी 2024 को दिव्या साउथ एक्सटेंशन स्थित अभिजीत के घर गई थी, उस समय बलराज गिल, रवि बंगा और मेघा भी नए साल के जश्न के लिए उसके घर पर मौजूद थे। बलराज गिल अभिजीत के पुराने दोस्त थे, रवि बंगा उनका घरेलू नौकर था, जबकि मेघा उनकी दोस्त थी। मेघा जल्दी चली गई थी और दिव्या ने अभिजीत पर पैसों के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया। दिव्या के पैसे मांगने के दबाव में अभिजीत बलराज गिल के साथ दिव्या को 2 जनवरी की सुबह करीब सवा 4 बजे गुरुग्राम के सिटी पॉइंट होटल में लेकर आया था।
होटल में कमरा नंबर-114 अभिजीत के नाम पर स्थायी रूप से बुक रहता था, लेकिन 2 जनवरी को कमरे की चाबी नहीं मिलने पर वह दिव्या के साथ कमरा नंबर 111 में रुका था। होटल के सीसीटीवी फुटेज में अभिजीत, बलराज और दिव्या कुछ मिनट तक काउंटर पर कुछ इंतजार करते नजर आ रहे हैं। वे कमरे में चले गए। अभिजीत होटल के कमरा नंबर 114 में दिव्या के साथ रुका था। होटल का मालिक अभिजीत है और उसने संचालन के लिए लीज पर दिया हुआ था।
वह उस दिन दोपहर बाद उठे और कुछ बातचीत की। दिव्या ने उसे बताया कि वह समलैंगिक है और उसने अपने लिए एक लड़की बुलाने को कहा था। अभिजीत ने दावा किया कि उसे पता था कि दिव्या लेस्बियन थी। इसके बाद अभिजीत ने दोपहर करीब साढ़े 3 बजे मेघा को फोन किया और होटल आने को कहा। इस बीच दिव्या ने फिर से अभिजीत पर पैसे के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया और इससे उनमें बहस हो गई। शाम करीब 6 बजे अभिजीत पिस्टल लेकर आया और दिव्या के सिर में गोली मार दी। वह कुछ मिनट तक कमरे में ही रहा, इसके बाद उसने शव का चेहरा कपड़े से ढंक दिया, लाइट बंद कर दी और कमरा बंद कर 114 नंबर कमरे में चला गया।
शाम करीब सात बजकर 50 मिनट पर मेघा होटल पहुंची, अभिजीत उसे कमरा नंबर 111 में लेकर गया और मेघा को दिव्या का शव दिखाया। अभिजीत ने मेघा से खून साफ ​​करने को कहा, लेकिन वह डर गई। अभिजीत ने दिव्या के आईफोन और अन्य सामान को ठिकाने लगाने के लिए मेघा की मदद ली। बाहर जाते समय वे चाबी कमरे के अंदर ही छोड़ गए और वह बंद था। वापस लौटने पर उन्होंने होटल स्टाफ की मदद से हथौड़े और पेचकस से गेट खोलने की कोशिश की थी। अभिजीत ने पुलिस को दिए बयान में इसका खुलासा हुआ है और चार्जशीट में पुलिस ने इन सबका जिक्र भी किया है।
अभिजीत ने पुलिस को बताया कि दिव्या का सामान बाहर फेंकने के लिए होटल से बाहर जाते समय अभिजीत ने होटल स्टाफ को दिव्या की हत्या के बारे में बताया था। इसके बाद होटल के कर्मचारियों ने पुलिस को सूचित किया। पुलिस होटल में आई, लेकिन कमरा नंबर 114 की जांच करने के बाद लौट गई और अभिजीत ने पुलिस को गुमराह भी किया था। बाद में उन्होंने होटल स्टाफ हेमराज और ओम प्रकाश की मदद से शव को कंबल में लपेटा और अभिजीत की बीएमडब्ल्यू कार में रख दिया। अभिजीत ने होटल स्टाफ को इस काम के लिए पांच-पांच लाख रुपये देने का वादा किया था।
रात करीब 9 बजे अभिजीत ने बलराज को फोन किया और रवि के साथ होटल पहुंचने को कहा। शव को नहर में ठिकाने लगाने के लिए बलराज और रवि बीएमडब्ल्यू लेकर गए। दोनों को 7 लाख रुपये भी दिए थे। दिव्या के परिवार की शिकायत पर पुलिस दोबारा होटल पहुंची, इस वक्त तक शव को होटल से बाहर निकाला जा चुका था।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि हमने एक मजबूत मामला बनाने के लिए आवश्यक सबूतों के साथ आरोपपत्र दायर किया है।
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