मिशन 2024: यूपी चुनाव के नतीजों से पहले मायावती का नया प्लान, भाई और भतीजे को बीएसपी में दी अहम जिम्‍मेदारी

Update: 2022-03-09 06:49 GMT

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले ही बसपा प्रमुख मायावती ने 2024 की चुनावी तैयारी शुरू कर दी है. मायावती ने अपने सिपहसलारों को नई जिम्मेदारी सौंप दी है, जिसमें उन्होंने अपने भाई आनंद कुमार और भतीजे आकाश आनंद को अहम भूमिका में रखा है. एक बार फिर से आनंद कुमार को बसपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है तो आकाश आनंद को नेशनल को-ऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी दी गई है. मायावती ने इस तरह से बसपा में नंबर दो की पोजिशन पर भाई और भतीजे को बैठाया है

बसपा ने 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी अभी से शुरू कर दी है. इसके लिए बसपा में नेशनल को-ऑर्डिनेटर के पद पर तैनात रामजी गौतम को हटाते हुए मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी का नेशनल को-ऑर्डिनेटर बना दिया है. इस तरह वह पूरे आने वाले चुनाव में आकाश आनंद पार्टी की राष्ट्रीय समस्याओं पर नजर रखेंगे. वो बसपा प्रमुख मायावती के दिशा-निर्देश में काम करेंगे.
आनंद कुमार को फिर उपाध्यक्ष पद
मायावती ने अपने भाई आनंद कुमार को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद दिया है, जो पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत करने के लिए काम करेंगे. इससे पहले भी बसपा प्रमुख ने आनंद कुमार को सियासत में लेकर आई थी तो उन्हें इन्हें यही पद सौंपा था, पर जब उन पर परिवारवाद का आरोप लगा तो हटा दिया था. इसके बाद 2019 चुनाव के बाद दोबारा से आनंद कुमार कुमार को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त कर दिया था और अब फिर से उसी पर उनकी तैनाती की गई है.
बसपा ने राज्यों को सात सेक्टर में बांटा
बसपा ने अपने सियासी आधार को मजबूत और विस्तार करने के लिए राज्यों को सात सेक्टर (क्षेत्र) में बांटकर काम करने की रणनीति बनाई है. पार्टी ने हर सेक्टर के लिए अलग-अलग प्रभारी भी नियुक्त कर दिए गए हैं, जिसके लिए मायावती ने सांसद रामजी गौतम, अशोक सिद्धार्थ, अशोक रणधीर सिंह बेनीवाल, दिनेशचंद्र, सुबोध कुमार और लालजी गौतम मिलकर जिम्मेदारी सौंपी है.
बसपा ने अपने राष्ट्रीय महासचिव की संख्या में वृद्धि की है, जिसमें अब छह महासचिव कर दिए हैं. पहले राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा थे अब इनके अलावा अशोक सिद्धार्थ, आर एस मित्तल, मेवालाल लाल गौतम, आर श्रीधर और मुनकाद अली को राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है.
बहुजन समाज पार्टी के प्रवक्ता एमएच खान के मुताबिक पार्टी मजबूती से अब 2024 के चुनाव को लड़ेगी. बसपा का अपना एक मिशन है, जिसे लेकर वो चलती है. विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी अब 2024 के चुनाव की तैयारी में जुट रही है. बसपा हमेशा दो कदम आगे चलती है. इस बार नई जिम्मेदारी दी गई है, जिसके लिए टीम को बड़ा किया गया है. बसपा ने लोकसभा चुनाव में अपनी तैयारी अभी से कर ली है जबकि बाकी पार्टियां विधानसभा में ही व्यस्त हैं.
बसपा की साख दांव पर लगी
बता दें कि 2012 के यूपी चुनाव से बसपा का सियासी ग्राफ लगातार गिरा है. हालत यह हो गई थी कि 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी अपना खाता भी नहीं खोल सकी थी. इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा महज 19 सीटें ही जीत सकी थी, लेकिन 2019 में सपा के साथ मिलकर 10 संसदीय सीटें जीतने में कामयाब रही. वहीं, 2022 के चुनाव में बसपा ने किसी के साथ गठबंधन नहीं किया और सभी 403 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ी है. इसके चलते बसपा का सियासी भविष्य दांव पर लगा है.
वहीं, यूपी चुनाव नतीजे से पहले ही बसपा प्रमुख मायावती ने मिशन-2024 की तैयारी शुरू कर दी है, जिसके लिए उन्होंने अपने संगठन का विस्तार करते हुए टीम गठित कर दी है. ऐसे में उन्होंने अपने भाई-भतीजे के अलावा अपने भरोसेमंद नेताओं को मोर्चे पर लगा दिया है.
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