सीएम कार्यालय ने मामले में हस्तक्षेप किया! छुड़ाई गई नाबालिग मेड लौटी अपने पैतृक घर, जानें क्या है पूरा केस

आरोपी अभी भी जेल में हैं।

Update: 2023-02-19 07:13 GMT

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गुरुग्राम (आईएएनएस)| गुरुग्राम में अपने नियोक्ताओं द्वारा पांच महीने तक प्रताड़ित की गई 17 वर्षीय नाबालिग नैनी (घरेलू सहायिका) की हालत में सुधार होने के बाद उसे उसके पैतृक घर लौटा दिया गया है। न्यू कॉलोनी थाने के थानाध्यक्ष दिनकर ने पहले आईएएनएस को बताया था, झारखंड पुलिस की मानव तस्करी रोधी शाखा की एक टीम शनिवार को ट्रेन से उसे और उसके परिवार को झारखंड में उनके घर ले जा रही है। आरोपी अभी भी जेल में हैं। हम मामले की आगे की जांच कर रहे हैं।
इस बीच, शहर की पुलिस ने कहा कि उन्होंने बयान दर्ज कर लिए हैं और आगे की जांच की जा रही है।
मामले में गुरुग्राम पुलिस ने मनीष खट्टर (36) और उनकी पत्नी कमलजीत कौर (34) को गिरफ्तार किया था, जिन्हें बाद में उनकी फर्मों ने बर्खास्त कर दिया।
उनकी दोनों कंपनियों ने ट्विटर के माध्यम से समाप्ति की घोषणा की।
इस बीच, पुलिस ने दिल्ली में प्लेसमेंट एजेंसी के एक कर्मचारी को भी पकड़ा है, जिसने नाबालिग को उस दंपत्ति को 10,000 रुपये प्रति माह के वेतन पर मुहैया कराया था।
झारखंड के सीएम कार्यालय ने भी मामले में हस्तक्षेप किया और लड़की को झारखंड में उसके परिवार को वापस लाने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने का आग्रह किया था।
प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि दंपति ने अपनी साढ़े तीन साल की बेटी की देखभाल के लिए नाबालिग पीड़िता को पांच महीने पहले काम पर रखा था। इस दौरान पति-पत्नी दोनों आए दिन उससे मारपीट करते थे।
पुलिस ने कहा कि पीड़िता का यौन उत्पीड़न (सेक्सुअल असॉल्ट) नहीं किया गया बल्कि उसे सेक्सुअली हैरेस किया गया। आरोपी उसे निर्वस्त्र करके पीटते थे।
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