स्वास्थ्य मंत्रालय: इन राज्यों में हैं कोरोना के सबसे ज्यादा मामले, 12 लाख से अधिक को वैक्सीन की दूसरी डोज लगा

देश में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान जारी है।

Update: 2021-02-23 16:31 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क:  देश में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान जारी है। अब तक कोरोना वैक्सीन की 1,17,64,788 से ज्यादा डोज दी जा चुकी हैं। इनमें से 1,04,93,205 पहली डोज दी गई हैं। 12,61,583  दूसरी डोज दी जा चुकी हैं। कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या टीकाकरण के बाद घटी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

 स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में कोविड-19 के उपचाराधीन मामलों में से 75 प्रतिशत दो राज्यों केरल और महाराष्ट्र में हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने बताया कि मंगलवार दोपहर एक बजे तक कोविड वैक्सीन की कुल 1,17,64,788 डोज लगाईं गई हैं। इनमें से 68 फीसद स्वास्थ्यकर्मियों को पहली खुराक और 62 फीसद स्वास्थ्य कर्मचारियों को दूसरी खुराक दी गई है। 41 फीसद से अधिक फ्रंटलाइन श्रमिकों को पहली खुराक दी गई है। 



स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी कि कोविड टीकाकरण शुरू होने के बाद देश में सक्रिय मामलों में गिरावट आई है। हालांकि कुल सक्रिय मामलों 75 प्रतिशत मामले दो राज्यों के हैं।राज्य केरल और महाराष्ट्र में अभी भी कोरोना के 75 फीसद सक्रिय मामलों की संख्या बनी हुई हैं। महाराष्ट्र में देश के लगभग फीसद सक्रिय मामले हैं। केरल में देश के कुल सक्रिय मामलों का 38 फीसद है जबकि महाराष्ट्र में कुल सक्रिय मामलों का 37 फीसद है। कर्नाटक में 4 और तमिलनाडु में 2.78 फीसद सक्रिय मामले हैं।
इन राज्यों में इतने प्रतिशत टीकाकरण हुआ
कर्नाटक, तेलंगाना, दिल्ली, पंजाब समेत 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने 60 प्रतिशत से कम स्वास्थ्यकर्मियों को टीके की पहली डोज दी है। वहीं राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात सहित 12 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में 75 प्रतिशत से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों को कोविड-19 टीके का पहली डोज दे दी गई है।
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्टीकरण दिया
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. के सुधाकर ने केरल के मुख्यमंत्री को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए पत्र पर स्पष्टीकरण दिया है। सुधाकर ने कहा, मैं यह स्पष्ट करता हूं कि कर्नाटक ने केरल के लोगों और वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध नहीं लगाया है। केरल से कर्नाटक आने वालों के लिए केवल आरटीपीसीआर जांच अनिवार्य की है। केरल के लोग अपनी आरटीपीसीआर रिपोर्ट के साथ राज्य में आ सकते हैं। लेकिन यह रिपोर्ट 72 घंटे से पुरानी नहीं होनी चाहिए। केरल के अलावा महाराष्ट्र से आने वाले लोगों के लिए भी यही नियम लागू किया गया है।
बता दें कि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया कि कर्नाटक ने कोरोना की आड़ में केरल के वाहनों और लोगों को आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया है। पत्र प्रधानमंत्री मोदी से हस्तक्षेप की मांग की गई थी।


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