बिग ब्रेकिंग: राम मंदिर पर मंत्री उदयनिधि स्टालिन के बोल, जानें क्या कहा?

चेन्नई: सनातन धर्म पर विवादित बयान देने वाले तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर पर प्रतिक्रिया दी है. उदयनिधि ने कहा कि डीएमके किसी भी आस्था या धर्म की विरोधी नहीं है. उन्होंने कहा कि हम मस्जिद तोड़कर मंदिर बनाने से सहमत नहीं हैं. उदयनिधि ने कहा, "करुणानिधि ने …

Update: 2024-01-18 02:56 GMT

चेन्नई: सनातन धर्म पर विवादित बयान देने वाले तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर पर प्रतिक्रिया दी है. उदयनिधि ने कहा कि डीएमके किसी भी आस्था या धर्म की विरोधी नहीं है. उन्होंने कहा कि हम मस्जिद तोड़कर मंदिर बनाने से सहमत नहीं हैं.

उदयनिधि ने कहा, "करुणानिधि ने हमेशा कहा था कि डीएमके किसी भी आस्था या धर्म की विरोधी नहीं है. मंदिर बनना कोई समस्या नहीं है, लेकिन हम मस्जिद तोड़कर वहां मंदिर बनाने से सहमत नहीं हैं. अध्यात्मवाद और राजनीति को न मिलाएं."

बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माणकार्य चल रहा है और 22 जनवरी को रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेता शामिल होंगे. इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए विपक्ष के भी कई नेताओं को निमंत्रण भेजा गया था, लेकिन ज्यादातर नेताओं ने इस कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार कर दिया है.

उदयनिधि स्टालिन सनातन और हिंदू धर्म पर विवादित बयान देकर लगातार चर्चा में बने रहते हैं. उन्होंने सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से की थी. उन्होंने कहा कि सनातन का सिर्फ विरोध नहीं किया जाना चाहिए बल्कि इसे समाप्त ही कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें खत्म ही कर देना चाहिए. हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते. हमें इसे मिटाना है. इसी तरह हमें सनातन को भी मिटाना है.

उदयनिधि स्टालिन को राजनीति विरासत के रूप में मिली है. वह तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और द्रविड़ नेता स्वर्गीय एम करुणानिधि के पोते हैं. उदयनिधि के पिता एमके स्टालिन डीएमके चीफ और तमिलनाडु के वर्तमान मुख्यमंत्री हैं. उन्हें बीते साल ही स्टालिन सरकार में खेल और युवा मामलों का मंत्री बनाया गया था. इसके अलावा वह डीएमके की युवा विंग के राज्य सचिव भी हैं.

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