लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, जिनके पास स्वास्थ्य विभाग का प्रभार भी है, ने इलाज में गड़बड़ी की शिकायत पर राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (आरएमएलआईएमएस) के डॉक्टरों के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। 11 जून को एक गर्भवती महिला को दर्द और रक्तस्राव के कारण आरएमएलआईएमएस स्थित मदर एंड चाइल्ड केयर अस्पताल के आपातकालीन विभाग में लाया गया था।
लेकिन करीब दो घंटे तक किसी भी डॉक्टर ने उनका इलाज नहीं किया। बार-बार कहने के बावजूद डॉक्टरों ने ध्यान नहीं दिया। आखिरकार, एक डॉक्टर देर से पहुंचे और परिवार को गर्भपात की सूचना दी। परिजनों ने अस्पताल पर मरीज की उपेक्षा करने, लेबर रूम में अस्वच्छता रखने और नियमित जांच न करने का आरोप लगाया।
इन अनियमितताओं से परेशान परिजनों ने खुद ही मरीज को डिस्चार्ज कराने का फैसला किया। परिवार ने मामले में लापरवाही की शिकायत उपमुख्यमंत्री से की, जिन्होंने प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा विभाग को जांच करने और एक सप्ताह के भीतर इसे पूरा करने का निर्देश दिया। इसके बाद प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा ने आरएमएलआईएमएस की निदेशक सोनिया नित्यानंद को इसकी जानकारी दी।
पाठक ने फतेहपुर के एक निजी अस्पताल के अनाधिकृत संचालन के जांच के भी आदेश भी दिए। पाठक ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को जांच के निर्देश दिए।