राज्यसभा में बोले मोदी सरकार के मंत्री- कोरोना से संबंधित शवों के नदी में फेंके जाने की संख्या की जानकारी नहीं

Update: 2022-02-08 05:08 GMT

नई दिल्ली: कोरोना महामारी के दौरान गंगा नदी में कितने शव बहाए गए, सरकार को इसकी जानकारी नहीं है। जल शक्ति राज्य मंत्री बिश्वेश्वर टुडू ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि कोरोना से संबंधित जिन शवों को गंगा नदी में फेंके जाने का अनुमान है उनकी संख्या के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है।

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने गंगा नदी में कोरोना महामारी के दौरान बहाए गए शवों को लेकर सवाल पूछा था। इस सवाल के जवाब में बिश्वेश्वर टुडू ने कहा, 'मीडिया रिपोर्ट में दिखाया गया था कि यूपी और बिहार के कुछ जिलों में गंगा नदी के तट पर लावारिस, अज्ञात, जले हुए या आंशिक रूप से जले हुए शव, गंगा नदी में नदी के तट पर तैरते पाए गए थे।'
उन्होंने बताया कि गंगा नदी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी), जल शक्ति मंत्रालय (एमओजेएस) ने संबंधित राज्य सरकारों से तैरते हुए शवों पर एक रिपोर्ट मांगी है। राज्य के अधिकारियों द्वारा शवों के उचित संचालन, प्रबंधन और निपटान को सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई की गई।
पानी से होने वाले रोगों पर एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने सदन को बताया कि 2020 में कुल 89,34,341 मामलों के मुकाबले 2021 में डायरिया के कुल 59,07,572 मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि वायरल हेपेटाइटिस ए के मामले भी 2021 में घटकर 4,077 हो गए हैं, जबकि 2020 में 5,303 मामले सामने आए थे। 2021 में हेपेटाइटिस ई के केवल 1,359 मामले सामने आए हैं, जबकि 2020 में 2,362 मामले सामने आए थे। हालांकि, हैजा के मामले बढ़कर 209 हो गए हैं। लेप्टोस्पायरोसिस में भी साल 2021 में 6,086 मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि 2020 में 4,950 मामलों में वृद्धि हुई है।

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