खनन माफिया ने कि DSP की हत्या, खट्टर सरकार का बड़ा फैसला, रिटायर्ड जज के नेतृत्व में जांच आयोग का गठन
नूंह: हरियाणा के नूंह जिले में बीते जुलाई माह में डीएसपी सुरेंद्र सिंह बिश्नोई की खनन माफिया ने डंपर से कुचलकर बेरहमी से हत्या कर दी थी. इस मामले में हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने एक जांच आयोग का गठन किया है. सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एलएन मित्तल को जांच आयोग के रूप में नियुक्त किया गया है. बता दें कि इस घटना के बाद से मनोहर लाल खट्टर सरकार की जमकर किरकिरी हुई थी. विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगाया था.
यह घटना 19 जुलाई की है. डीएसपी सुरेंद्र सिंह बिश्नोई पुलिस फोर्स के साथ पचगांव की पहाड़ियों पर गश्त कर रहे थे, तभी उन्हें अवैध रूप से खनन किए गए पत्थरों से भरा एक डंपर दिखाई दिया. डंपर में नंबर प्लेट दिखाई नहीं दे रही थी. इस पर उन्होंने डंपर को रुकने का इशारा किया, लेकिन डंपर नहीं रुका. चालक डंपर लेकर पहाड़ी पर चढ़ गया. जब डीएसपी वहां पर पहुंचे तो डंपर चालक ने उनकी गाड़ी से कुचलकर हत्या कर दी. घटना के समय डीएसपी सुरेंद्र सिंह बिश्नोई के साथ चार पुलिसकर्मी भी थे.
इस घटना के बाद से राजनीतिक दलों में एक-दूसरे पर आरोप लगाने का दौर शुरू हो गया था. हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार के दौरान राज्य में खनन माफिया काफी फला-फूला है. उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि हम लगातार छापेमारी कर रहे हैं और कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं. यह माफिया हुड्डा के समय में उनकी कमजोर नीतियों के चलते फला-फूला है. हम ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं. दुर्भाग्य से हमारे डीएसपी ने ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवा दी.
वहीं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने डीएसपी हत्याकांड को लेकर भाजपा सरकार को निशाने पर लिया था. उन्होंने कहा था कि प्रदेश के लिए यह बहुत शर्मनाक बात है कि खनन माफिया हाथ से निकल चुके हैं. राज्य में कानून-व्यवस्था बद से बदतर हो गई है. विधायकों को धमकियां मिल रही हैं, पुलिस भी प्रदेश में सुरक्षित नहीं रही. ऐसे में आम जनता खुद को कैसे सुरक्षित महसूस कर सकती है?