खदान हादसा: आज तीन और शव बरामद, गहरी खदान में फंसे 5 मजदूरों की जान आफत में

रेस्क्यू ऑपरेशन जारी.

Update: 2025-01-11 11:18 GMT
गुवाहाटी: असम में कोयला खदान हादसे में शनिवार को 6वें दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. आज तीन और शव बरामद किए गए हैं. इससे पहले बुधवार को एक शव बरामद हुआ था. कुल चार श्रमिकों के शव निकाले गए हैं. पुलिस का कहना है कि पांच मजदूर अभी भी खदान में फंसे हैं.
यह घटना दीमा हसाओ जिले की है. ये खदान 340 फीट गहरी है, जिसमें पानी भर गया है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि बचाव अभियान पूरे संकल्प के साथ जारी है. अब तक दो मृतकों की पहचान कर ली गई है.
सोमवार को खदान में अचानक पानी भर जाने के बाद खदान के अंदर 9 मजदूर फंस गए थे, जिनको निकालने का प्रयास लगातार चल रहा है. ऑपरेशन के दौरान चार शवों को अब तक निकाला जा चुका है. न्यूज एजेंसी के मुताबिक, बचाव अभियान शनिवार सुबह फिर से शुरू हुआ. जिन मजदूरों के शव मिले हैं, उनमें एक की पहचान 27 वर्षीय लिगेन मागर के रूप में की गई है. मागर, दीमा हसाओ के कालामाटी के गांव का निवासी था. वहीं, जिस मजदूर का शव पहले बरामद हुआ था वो नेपाल का रहने वाला था.
अधिकारी ने बताया कि जब सेना और एनडीआरएफ की टीमें मजदूरों को बाहर निकालने के लिए गईं तो देखा कि शव खदान में भरे पानी पर तैर रहा है. ओएनजीसी और कोल इंडिया द्वारा लाई गई विशेष मशीनों के जरिए खदान से पानी निकालने का काम किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि खदान को 12 साल पहले छोड़ दिया गया था और तीन साल पहले तक यह असम खनिज विकास निगम के अधीन थी. उन्होंने कहा कि यह अवैध खदान नहीं बल्कि छोड़ी हुई खदान थी और कोयला निकालने के लिए मजदूर पहली बार इसमें अंदर गए थे. उन्होंने कहा कि मजदूरों को जो वहां लेकर गया था उसे गिरफ्तार कर लिया गया है और पुलिस मामले की जांच कर रही है.
सरमा ने कहा कि नागपुर से एक और मशीन लाई गई है और शनिवार सुबह से इसे चलाया जा रहा है. अगर ये उम्मीद के मुताबिक काम करती है तो शाम तक पानी खदान से निकल जाएगा. घटना में दीमा हसाओ स्वायत्त परिषद के मुख्य कार्यकारी देबोलाल गोरलोसा के परिवार के एक सदस्य की कथित रूप से भागीदारी बताई जा रही है, इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक मानवीय त्रासदी है और हमें इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए.
कोयला खदान फंसे मजदूरों को लेकर कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कमजोर कानून और स्थानीय मिलीभगत के कारण असम में अवैध खनन अनियंत्रित रूप से जारी है. मैंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस त्रासदी की जांच के लिए तत्काल एसआईटी जांच का आग्रह किया है. इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.
बता दें कि लगभग 7 साल पहले दिसंबर 2018 में इसी तरह की एक घटना मेघालय के पूर्वी जयंतिया हिल्स में हुई थी. तब एक अवैध कोयला खदान में पास की नदी का पानी घुसने के बाद वहां 15 मजदूर फंस गए थे. वहीं, 2021 में इसी तरह की एक और घटना हुई थी, जिसमें मेघालय के पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले में डायनामाइट विस्फोट के बाद पानी से भरी एक अवैध कोयला खदान में पांच मजदूर फंस गए थे.
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