NSA बनाए गए माइक वॉल्ट्ज, ट्रंप की रणनीति

Update: 2024-11-12 02:12 GMT

अमेरिका। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज कर चुके डोनाल्ड ट्रंप धीरे-धीरे अपनी टीम का गठन करने में जुटे हैं. इसी कड़ी में उन्होंने माइक वॉल्ट्ज को अपना राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकर बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है. अमेरिकी सीनेट में इंडिया कॉकस के प्रमुख वॉल्ट्ज अमेरिका की डिफेंस स्ट्रैटेजी की वकालत करते हैं. वह देश की सुरक्षा को और मजबूत करने के ट्रंप के वादों के पुरजोर हिमायती हैं. माइक वॉल्ट्ज रूस-यूक्रेन यु्द्ध और मिडिल ईस्ट में लंबे समय से चले रहे युद्ध के बीच अपनी अहम भूमिका निभा सकते हैं.

माइक वॉल्ट्ज ने 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे के ऐतिहासिक भाषण में अहम भूमिका निभाई थी. बता दें कि सीनेट के इंडिया कॉकस मे कुल 40 सदस्य हैं. इसका गठन 2004 में न्यूयॉर्क की तत्कालीन सीनेटर हिलेरी क्लिंटन और विदेश मंत्री जॉन कॉर्निन ने किया था. यह सीनेट में सबसे बड़ा कॉकस है.

बता दें कि वॉल्टज राष्ट्रपति जो बाइडेन सरकार की अफगानिस्तान से अमेरिकी फौजों की रवानगी के फैसले की पुरजोर आलोचना करते रहे हैं. उनकी संभावित नियुक्ति से चीन को लेकर अमेरिका के रुख में बड़ा बदलाव हो सकता है.

मालूम हो कि ट्रंप ने 2016 में अपने पहले कार्यकाल में चार एनएसए बदले थे. इनमें से पहले एनएसए तो सिर्फ 22 दिन ही पद पर रह पाए थे. लेफ्टिनेंट जनरल एच.आर. मैकमास्टर और जॉन बोल्टन समेत बाकी सलाहकारों को ट्रंप ने कुछ नीतिगत मुद्दों पर मतभेदों के चलते हटा दिया था. ट्रंप के आखिरी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओब्रायन कोविड-19 महामारी और 6 जनवरी 2021 को कैपिटल हिल पर हुए दंगे के दौरान इस पद पर बने रहे थे.


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