मौसम विभाग ने बताया, केरल में पहुंचने वाला है मानसून, अगले 24 घंटे में हो सकती है भारी बारिश
दक्षिण-पश्चिम मानसून के तीन जून को केरल (Kerala) पहुंचने की स्थितियां राज्य में बननी शुरू हो गई है.
दक्षिण-पश्चिम मानसून (Southwest Monsoon) के तीन जून को केरल (Kerala) पहुंचने की स्थितियां राज्य में बननी शुरू हो गई है. मानसून यहां सामान्य समय से देर से पहुंच रहा है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बुधवार को बताया कि केरल में स्थानिक वर्षा वितरण में वृद्धि हुई है और दक्षिण अरब सागर के निचले स्तरों में पछुआ हवाएं चल रही हैं. उपग्रह से हासिल तस्वीरों के अनुसार, केरल तट और उससे सटे दक्षिण-पूर्वी अरब सागर में बादल छाए हुए हैं. आईएमडी ने कहा कि केरल में अगले 24 घंटे में बारिश के और बढ़ने से स्थिति के मानसून के अधिक अनुकूल होने का पूर्वानुमान है. केरल में आमतौर पर मानसून एक जून को पहुंचता है.
आईएमडी ने इससे पहले मानसून के यहां 31 मई या इससे चार दिन अधिक या पहले पहुंचने का अनुमान लगाया था, लेकिन 30 मई को उसने कहा था कि केरल मे अभी मानसून आने की स्थिति नहीं बनी है. आईएमडी के मुताबिक, मानसून के इस साल सामान्य रहने का अनुमान है.
भारत के मौसम विभाग (आईएमडी) ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के उत्तर और दक्षिण भारत में सामान्य, मध्य भारत में सामान्य से अधिक और पूर्व तथा पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम रहने का अनुमान है. दक्षिण पश्चिम मानसून 2021 के लिए अपना दीर्घावधि पूर्वानुमान जारी करते हुए आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि देश में इस साल मानसून सामान्य रहने का पूर्वानुमान है.
महापात्र ने कहा कि इसके सामान्य दीर्घावधि औसत (एलपीए) के 96 से 104 प्रतिशत होने की संभावना है. उन्होंने कहा, 'दक्षिण-पश्चिम मानसनू (जून-सितम्बर) की वर्षा सामान्य सामान्य दीर्घावधि औसत (एलपीए) के 96 से 104 प्रतिशत होने की संभावना है'. उन्होंने कहा कि मात्रात्मक रूप से, देश में मानसून की बारिश के एलपीए के 101 प्रतिशत होने की संभावना है. वर्ष 1961-2010 मानसून की बारिश का एलपीए 88 सेंटीमीटर था.