नई दिल्ली (आईएएनएस)| दिल्ली के सरकारी स्कूलों में छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ाने और उन्हें मानसिक रूप से बेहतर बनाने के लिए मेंटल मैथ्स क्विज की जा रही हैं। इसका उद्देश्य छात्रों को यह बताना भी है कि गणित अन्य सभी विषयों के समान मनोरंजक है। सरकार और विशेषज्ञों का मानना है कि सरकारी स्कूल में गणित सीखने का सकारात्मक वातावरण पहले अकल्पनीय था लेकिन छात्रों और शिक्षकों ने अब इसे हकीकत बना दिया है। दिल्ली सरकार के मुताबिक अब उनके स्कूलों का मुकाबला निजी स्कूलों या देश के अन्य स्कूलों से नहीं बल्कि दुनिया के स्कूलों से है।
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस में स्टेट लेवल मेंटल मैथ कम्पटीशन 2022-23 आयोजित किया गया। शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार को रोहिणी में कम्पटीशन में शामिल होकर विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया।
उन्होंने छात्रों को ऐसी प्रतियोगिताओं में अधिक से अधिक भाग लेने के लिए प्रेरित किया। मेंटल मैथ प्रतियोगिता के साथ-साथ टीचिंग लनिर्ंग मटेरियल प्रदर्शनी भी आयोजित की गई, जिसमें दिल्ली सरकार के स्कूल के शिक्षकों द्वारा बनाए गए गणित के विभिन्न शैक्षिक मॉडल प्रदर्शित किए गए।
सिसोदिया ने छात्रों को संबोधित करते हुए और उन्हें प्रेरित करते हुए कहा, मैं दिल्ली सरकार के स्कूलों के छात्रों के गणितीय और तार्किक कौशल को देखकर चकित हूं। शिक्षा निदेशालय द्वारा आयोजित मेंटल मैथ प्रतियोगिता बिना किसी कैलकुलेटर के मन में ही गणना करने की आदत डालने की दिशा में एक बहुत ही अभिनव कदम है। इससे छात्र अधिक तत्पर, आत्मविश्वासी और मानसिक रूप से चुस्त बनेंगे। उन्होंने कहा कि आज आयोजित मेंटल मैथ प्रतियोगिता में हमारे छात्रों के प्रदर्शन से पता चलता है कि दिल्ली सरकार के स्कूलों के छात्र अब किसी से कम नहीं हैं।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अंग्रेजी, हिन्दी और इतिहास जैसे अन्य विषयों की तरह गणित भी उतना ही मनोरंजक है और इस तरह की प्रतियोगिताएं इसे और मजेदार बनाती हैं। सिसौदिया के मुताबिक, छात्र अक्सर गणित से डरते हैं लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे भी छात्र है जो इससे डरते नहीं है बल्कि इसका आनंद भी लेते हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल में गणित सीखने के लिए इस तरह के मस्ती भरे माहौल की पहले कल्पना भी नहीं की जा सकती थी, लेकिन हमारे छात्रों और शिक्षकों ने इसे अब एक वास्तविकता बना दिया है।
उन्होंने कहा कि यह आपके अपने जीवन में प्रवेश करने का प्रवेश द्वार है। उन्होंने कहा कि यह मानव मस्तिष्क के तारों को सक्रिय करता है और आपको अधिक तार्किक और नवीन रूप से सोचने पर मजबूर करता है।
सिसोदिया ने कहा, "अब शानदार इंफ्रास्ट्रक्च र, बेहतरीन शिक्षक व टैलेंटेड बच्चों के साथ दिल्ली सरकार के स्कूलों की प्रतिस्पर्धा निजी स्कूलों या देश के अन्य स्कूलों से नहीं बल्कि दुनिया के स्कूलों से है। हमारे दिल्ली सरकार के स्कूलों में ऐसा माहौल बनाने का हमारा ²ढ़ संकल्प है, जो किसी भी टॉप क्लास प्राइवेट स्कूल के छात्र को दिया जाता है।"