मेघालय हाईकोर्ट का निर्देश: असम से लगते विवादित क्षेत्रों में सीमांकन, चौकियों का निर्माण न हो
शिलांग (आईएएनएस)| मेघालय हाईकोर्ट ने गुरुवार को निर्देश दिया कि छह विवादित क्षेत्रों में कोई भौतिक सीमांकन या सीमा चौकियों का निर्माण तब तक नहीं किया जाए, जब तक मेघालय और असम के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर 'अगली तारीख तक' हस्ताक्षर नहीं किए जाते। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा और उनके असम के समकक्ष हिमंत बिस्वा सरमा ने 29 मार्च को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की उपस्थिति में पहले चरण में दोनों राज्यों के साथ 12 विवादित क्षेत्रों में से छह को हल करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे।
मेघालय में खासी सिमशिप और सरदारशिप के चार पारंपरिक प्रमुखों ने उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर कर दोनों राज्यों द्वारा हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के संचालन पर रोक लगाने की मांग की है।
मामले की अगली सुनवाई अगले साल छह फरवरी को तय करते हुए न्यायमूर्ति एच.एस. थांगखीव ने आदेश दिया कि बीच की अवधि के दौरान 29 मार्च के समझौता ज्ञापन के अनुसार, अगली तिथि तक कोई भौतिक सीमांकन या जमीन पर सीमा चौकियों का निर्माण नहीं किया जाएगा।
याचिकाकर्ताओं ने अपने निवेदन में कहा, "संविधान की छठी अनुसूची और खासी हिल्स स्वायत्त जिला परिषद के तहत संवैधानिक रूप से मान्यता प्राप्त संगठनों के प्रमुखों और उनके सहयोगियों, जैसे याचिकाकर्ता सईम्स और सिरदार आदि की सहमति के बिना विवादित समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे।"
उन्होंने दावा किया कि एमओयू संविधान की छठी अनुसूची के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, क्योंकि पानी, मिट्टी, भूमि, स्थानीय रीति-रिवाजों और संस्कृति जैसे विषयों पर स्वायत्त जिला परिषद को विधायी और कार्यकारी शक्तियां दी गई हैं।
हाईकोर्ट ने बुधवार को खासी साइएमशिप और सरदारशिप के चार पारंपरिक प्रमुखों द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए असम सरकार को एक नोटिस जारी किया, जिसमें एमओयू की स्थिरता पर सवाल उठाया गया था।
छह विवादित क्षेत्रों - ताराबारी, हाहिम, पिलंगकाटा, खानापारा, रतचेरा और गिजांग में 36 विवादित गांव हैं, जो 36.79 वर्ग किलोमीटर में फैले हुए हैं।
पहले चरण में निपटारे के लिए लिए गए इस विवादित क्षेत्र में असम को 18.46 वर्ग किमी और मेघालय को 18.33 वर्ग किमी का पूर्ण नियंत्रण मिलेगा।
दशकों पुराने अंतर्राज्यीय सीमा विवाद को सुलझाने के लिए असम सरकार मेघालय के अलावा पड़ोसी राज्य मिजोरम, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश के साथ बातचीत कर रही है।