नई दिल्ली: बंगाल की खाड़ी के देशों के विदेश मंत्रियों ने शुक्रवार को नई दिल्ली में बिम्सटेक विदेश मंत्रियों के दूसरे सम्मेलन के अंतिम दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक की। इस बैठक के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की आरे से जारी एक बयान में कहा गया," प्रधानमंत्री ने विदेश मंत्रियों के साथ कनेक्टिविटी, ऊर्जा, व्यापार, स्वास्थ्य, कृषि, विज्ञान, सुरक्षा और लोगों के बीच आदान-प्रदान सहित विविध क्षेत्रों में क्षेत्रीय सहयोग को और मजबूत करने पर चर्चा की। उन्होंने आर्थिक और सामाजिक विकास के क्षेत्र में बिम्सटेक की भूमिका पर भी प्रकाश डाला।"
प्रधानमंत्री मोदी ने शांत, समृद्ध और सुरक्षित बिम्सटेक के लिए भारत की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने भारत की पड़ोसी पहले और एक्ट ईस्ट नीतियों के साथ-साथ बंगाल की खाड़ी के देशों में सभी के लिए सुरक्षा और विकास के महत्व पर जोर दिया। बिम्सटेक तकनीकी और आर्थिक सहयोग के उद्देश्य से गठित दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया के सात देशों को एक संगठन है।
बिम्सटेक विदेश मंत्रियों की पहला सम्मेलन जुलाई 2023 में बैंकॉक में आयोजित की गई थी। बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ. हसन महमूद, थाईलैंड के विदेश मंत्री मैरिस सांगियाम्पोंगसा (वर्तमान बिम्सटेक अध्यक्ष), भूटान के विदेश मंत्री डी.एन. धुंग्येल, नेपाल के विदेश सचिव सेवा लामसाल, श्रीलंका के विदेश मामलों के राज्य मंत्री थारका बालासुरिया और म्यांमार के उप प्रधान मंत्री और विदेश मंत्री यू थान स्वे ने क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए सम्मेलन में भाग लिया। विदेश मंत्रियों के साथ बैठक के दौरान, पीएम मोदी ने इस साल के अंत में सितंबर में होने वाले आगामी बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के लिए थाईलैंड को भारत के पूर्ण सहयोग की बात कही।
इसके पहले प्रधानमंत्री मोदी को लगातार तीसरी बार भारत का प्रधानमंत्री बननेे पर, थाईलैंड के प्रधानमंत्री श्रीथा थाविसिन ने कहा कि वह इस साल सितंबर में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के लिए भारतीय प्रधानमंत्री की यात्रा का इंतजार कर रहे हैं। थाविसिन ने कहा, "दोनों देशोें के बीच संबंधों को और मजबूत करने के लिए मैं भी जल्द से जल्द भारत की आधिकारिक यात्रा की उम्मीद करता हूं।" विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल भी विदेश मंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री की बैठक के दौरान मौजूद थे।