रूस और यूक्रेन के बीच भयानक युद्ध में फंसे मेडिकल छात्र, माता-पिता ने पीएम मोदी से की ये अपील
नई दिल्ली: बेटे ने वीडियो कॉल पर कहा, मम्मी-पापा मुझे किसी तरह यहां से बुलवा लीजिए, हालात बहुत खराब है. हम लोगों को एटीएम से पैसा निकालने और राशन के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ रहा है. छात्र की बूढ़ी दादी भगवान की शरण में बैठ बच्चे की सलामती की दुआ कर रही है तो मां के आंखों से आंसू की धारा बह रही है. यूक्रेन में फंसे मेडिकल स्टूडेंट की मां और पिता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई है कि उनके बच्चे को सही सलामत किसी तरह बचा कर घर वापस लौटा दें.
रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग में बिहार के आरा का एक मेडिकल का छात्र भी फंसा हुआ है. जिसकी सलामती के लिए परिजन काफी चिंतित नजर आ रहे हैं. यूक्रेन में फंसा मेडिकल छात्र कृष्णपाल दुर्गध्वज सिंह बताया जा रहा है. जो यूक्रेन के लविव सिटी में फिलहाल फंसा हुआ हैं. कृष्णपाल सिंह उर्फ दुर्गध्वज सिंह यूक्रेन के नेशनल मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं. मेडिकल स्टूडेंट के परिवार वाले अपने जिगर के टुकड़े को सही-सलामत वापस भारत लाने की गुहार बार-बार देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय दूतावास से लगा रहे है.
मेडिकल स्टूडेंट कृष्णपाल सिंह मूल रूप से जिले के अगिआंव प्रखंड के बरुणा गांव के निवासी व पेशे से व्यवसाई रणविजय सिंह के पुत्र हैं. जिनका पूरा परिवार हाल फिलहाल आरा शहर के वार्ड नंबर 11 स्थित तरी में रहता हैं. यूक्रेन में फंसे कृष्ण पाल के परिजनों ने बताया कि वो अभी लविव सिटी में नेशनल मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में हैं. उनकी ऑफलाइन क्लास बंद कर दी गई है.
यूनिवर्सिटी ने भी जल्द से जल्द देश से जाने के लिए कह दिया है. जबकि मेडिकल छात्र लगातार वीडियो कॉलिंग के जरिए अपने परिवार वालों से संपर्क साधे हुए हैं. उन्होंने वहां के हालात को बयां करते हुए परिवार वालों को बताया है कि यूक्रेन में स्थिति दिन-प्रतिदिन और खराब होते जा रही हैं. उनके साथ बिहार समेत पूरे भारत के अलग-अलग जगहों के करीब 500 लोग फंसे हुए हैं.
युद्ध की वजह से एटीएम में पैसा निकालने के लिए लंबी लाइन लगाकर रुपए इकठ्ठे किए जा रहे हैं. खाने-पीने का सामान की भी काफी किल्लत हो गई है और सभी लोग राशन पैसा जमा करने में लगे हुए हैं. ताकि कब कैसी स्थिति हो जाए, यह कोई नहीं बता सकता.
कृष्णपाल सिंह के पिता रणविजय सिंह ने बताया कि उनके आने के लिए 2 मार्च को ही टिकट कराया गया था. लेकिन स्थिति खराब होने से सभी फ्लाइट को रद्द कर दिया गया. हम लोग लगातार भारतीय दूतावास के संपर्क में हैं. वहीं बेटे को याद कर मां की आंखों से आंसू की धारा बह रही है. जबकी बूढ़ी दादी सलामती की दुआ में दिन-रात भगवान की शरण में बैठ पूजा-पाठ कर रही हैं और उसके आने का इंतजार कर रही है.
पिता की स्थिति भी कुछ इस तरह है कि वह लगातार भारतीय दूतावास तो कभी बेटे से संपर्क साध हालचाल जानने में व्यस्त नजर आ रहे हैं. ताकि उनका बच्चा सही सलामत अपने वतन और घर वापस लौट आए. मेडिकल छात्र कृष्णपाल सिंह की चार बहन और दो भाइयों में सबसे छोटे हैं. उनके तीन बहनों की शादी हो चुकी है जबकि एक बहन दिल्ली में रखकर आईएएस की तैयारी कर रही है. बड़ा भाई आईआईटी कर जॉब कर रहा है. बहरहाल यूक्रेन और रूस के बीच छिड़ी जंग में कृष्णपाल सिंह जैसे कई छात्र और कामकाजी लोग दहशत के बीच जी रहे हैं. जिससे उनके परिवारों में चिंता बनी हुई है.