झल्लाए चीन के मीडिया वाले, वजह है मोदी सरकार का ये फैसला

Update: 2022-02-18 03:25 GMT

नई दिल्ली: भारत ने सोमवार को 54 चीनी ऐप्स को बैन कर दिया. बताया जा रहा है कि इनमें से कुछ ऐप्स बैन किए गए पुराने चीनी ऐप भी थे जो नाम बदलकर भारत में रिलॉन्च किए गए थे और यूजर्स की जानकारी के बिना उनके डेटा को चीन भेज रहे थे. भारत सरकार के इस ऐप बैन पर चीनी सरकार का मुखपत्र समझे जाने वाले अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि ये राजनीति से प्रेरित है और ऐप बैन कर भारत सरकार ने खुद को ही नुकसान पहुंचाया है.

अखबार ने इस खबर पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसमें कहा है कि भारत चीन से चल रहे तनाव के बीच फिर से ये एक लापरवाही कर रहा है.
ग्लोबल टाइम्स ने ऐप बैन की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए लिखा है, 'यह ध्यान देने वाली बात है कि इस कदम की घोषणा ऐसे समय की गई है जब भारत के विदेश मंत्री हाल ही में क्वाड सम्मेलन में भाग लेने के बाद ऑस्ट्रेलिया की अपनी यात्रा से लौटे हैं. इसमें कोई रहस्य जैसी बात नहीं है कि अमेरिका के नेतृत्व वाला क्वाड नेटवर्क सिस्टम सहित कई क्षेत्रों में चीन को निशाना बना रहा है. चीनी टेक और टेक फर्मों की सुरक्षा को खतरे में डालकर अमेरिका दुनिया में अपना आधिपत्य बनाए रखने के लिए चीन के विकास को रोकना चाहता है.'
अखबार आगे लिखता है कि चीनी ऐप्स को बैन करने का ये कदम पूर्ण रूप से राजनीतिक है और इसका विपरीत प्रभाव चीनी कंपनियों पर नहीं बल्कि भारत पर ही पड़ेगा. ऐसे कदम उठाकर भारत सरकार ये भूल रही है कि उसका विकास चीन के बिना संभव नहीं है. दोनों देशों के बीच 2021 में रिकॉर्ड द्विपक्षीय व्यापार इस बात का उदाहरण है.
ग्लोबल टाइम्स लिखता है कि अगर भारत एक मजबूत अर्थव्यवस्था वाला देश बनना चाहता है तो चीन के साथ सहयोग करे. चीन के खिलाफ अमेरिका का साथ देकर भारत खुद को ही संकट में डाल रहा है.
चीनी वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी दी प्रतिक्रिया
चीन के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी भारत द्वारा ऐप्स को बैन किए जाने पर प्रतिक्रिया दी है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता गाओ फेंग ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'हमें उम्मीद है कि भारत द्विपक्षीय आर्थिक और व्यापार सहयोग की मजबूत विकास गति को बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाएगा.'
फेंग ने कहा कि भारत को चीनी कंपनियों सहित सभी विदेशी निवेशकों के साथ पारदर्शी और गैर-भेदभावपूर्ण तरीके से व्यवहार करना चाहिए.
भारत सरकार सुरक्षा के मद्देनजर साल 2020 से अब तक 270 से अधिक चीनी ऐप्स को बैन कर चुकी है. 
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