कमीश्नर से मारपीट करना मेयर और 3 पार्षद को पड़ा महंगा, हुए निलंबित, बीजेपी बोली- कांग्रेस के लिए विनाश काले विपरीत बुद्धि

नगर निगम कमिश्नर यज्ञिमत्र सिंह के साथ धक्का-मुक्की, मारपीट, राजकीय कार्य में बाधा और अभद्र भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगाया गया है.

Update: 2021-06-07 03:16 GMT

जयपुर ग्रेटर नगर निगम कमिश्नर के साथ हुई हाथापाई मामले में राजस्थान सरकार ने जयपुर ग्रेटर महापौर और तीन पार्षदों को निलंबित कर दिया है. हालांकि सरकार के फैसले की भारतीय जनता पार्टी ने निंदा की है और कहा कि ये 'विनाश काले विपरीत बुद्धि' का उदाहरण है. 

राजस्थान सरकार ने जयपुर ग्रेटर की मेयर डॉक्टर सौम्या गुर्जर के अलावा पार्षद पारस जैन, शंकर शर्मा और अजय चौहान को निलंबित किया है. इन पर नगर निगम कमिश्नर यज्ञिमत्र सिंह के साथ धक्का-मुक्की, मारपीट, राजकीय कार्य में बाधा और अभद्र भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगाया गया है.
चारों लोगों को नगर निगम की सदस्यता से निलंबित किया गया है. जांच अधिकारी रेणु खंडेलवाल से मिली रिपोर्ट के बाद निलंबन की यह कार्रवाई की गई है.
कमिश्नर के साथ हाथापाई का मामला सामने आने के बाद राज्य की अशोक गहलोत सरकार ने न्यायिक जांच होने का निर्णय लिया है. नगरपालिका एक्ट 39 (3) के तहत मामले की जांच होगी.
सरकार की ओर से कहा गया है कि मेयर और पार्षदों के पद पर बने रहने से जांच प्रभावित हो सकती थी इसलिए उन्हें निलंबित किया गया है. जांच होने तक इन्हें निलंबित किया गया है.
सरकार के फैसले की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कड़ी निंदा की है. राजस्थान के बीजेपी प्रमुख डॉक्टर सतीश पुनिया ने कहा कि 'विनाश काले विपरीत बुद्धि' इतिहास गवाह है देश में जून के महीने में ही आपातकाल लगा था और कांग्रेस के पतन की शुरुआत हुई थी. जयपुर ग्रेटर की मेयर और पार्षदों का निलंबन दुर्भाग्यपूर्ण तो है लेकिन यही राजस्थान में कांग्रेस के पतन का कारण बनेगा. पार्टी हर तरीके से न्याय की लड़ाई लड़ेगी.


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