लोकसभा चुनाव में मायावती की रणनीति बढ़ाएंगी एनडीए की मुश्किलें

Update: 2024-03-25 01:59 GMT

यूपी। बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने लंबे इंतजार के बाद रविवार को 25 उम्मीदवारों की सूची जारी करते हुए भविष्य की तस्वीर पूरी तरह से साफ कर दी है। बसपा की पहली सूची में आठ सवर्ण और सात-सात मुस्लिम, दलित व तीन पिछड़े वर्ग के हैं। बसपा की दोनों सूचियों में एक बार फिर सोशल इंजीनियरिंग की झलक दिखाई पड़ रही है। बसपा की सूची से यह साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह इंडिया के साथ एनडीए की भी मुश्किलें बढ़ाएंगी। इस फामूले पर बसपा वर्ष 2007 का विधानसभा चुनाव लड़कर यूपी में अपने दम पर सरकार बना चुकी है।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने द्वारा जारी पहली सूची में मौजूदा किसी भी सांसद को टिकट नहीं दिया गया है। सहारनपुर से पिछला चुनाव हाजी फजलुर रहमान जीते थे। उनके स्थान पर माजिद अली को टिकट दिया गया है। बिजनौर से मलूक नागर चुनाव जीते थे उनके स्थान पर विजेंद्र सिंह को टिकट दिया गया है। वह जाट समुदाय से आते हैं।

अमरोहा से कुंवर दानिश अली चुनाव जीते थे। इस बाद वह कांग्रेस के साथ हैं। बसपा ने नया उम्मीदवार मुजाहिद हुसैन को टिकट दिया है। नगीना से गिरीश चंद्र जीते थे उनके स्थान पर सुरेंद्र पाल सिंह को टिकट दिया गया है। बसपा सुप्रीमो ने पहली सूची में यह पूरी तरह से साफ कर दिया है कि अब उन्हें पुरानों पर भरोसा नहीं है और जिसे जहां जाना है वह जाए। उन्होंने नए उम्मीदवारों पर दांव लगाकर यह भी संकेत देने का काम किया है कि नए चेहरों को भविष्य में भी आगे बढ़ाएंगी।

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