टेंडर के अभाव में मथुराधीश और अन्य मंदिरों का काम अटक सकता है

Update: 2023-09-05 18:59 GMT
अलवर। अलवर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने में एक महीने का समय बचा है, लेकिन देवस्थान विभाग के मंदिरों में काम की रफ्तार धीमी है। यदि ऐसा ही रहा तो आने वाले दिनों में मंदिरों में होने वाले काम अटक सकते हैं। देवस्थान विभाग की ओर से इस साल मथुराधीश मंदिर के लिए बजट स्वीकृत किया गया है। लेकिन अभी तक न तो मंदिरों में होने वाले काम का प्रस्ताव तैयार किया गया है और न ही इसके विभाग ने इसके लिए टेंडर किए हैं। इसके साथ ही शहर के करीब आठ मंदिरों में भी देवस्थान विभाग की ओर से एक- एक लाख रुपए की लागत से काम करवाया जाना है। फिलहाल ये सभी काम ठंडे बस्ते में हैं। मंदिरों के पुजारियों को भी समय पर काम शुरू होने का इंतजार है जिससे दीपावली से पहले मंदिरों में भी रौनक नजर आए। फिलहाल मथुराधीश मंदिर में रंग रोगन का ही काम हो पाया है।
फिर सकता है योजना पर पानी: गौरतलब है कि सरकार ने नागौर, जैसलमेर और अलवर के ऐसे मंदिर जहां धार्मिक पर्यटन को बढ़ाने की संभावनाएं अधिक है, वहां पर करीब 13 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया है। इस बजट से मंदिर का सौंदर्यकरण करने के साथ श्रद्धालुओं के लिए सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। अलवर जिले के बानसूर किला में माताजी मंदिर तथा गंगा माता मंदिर तालवृक्ष में विकास कार्य के लिए बजट घोषणा में राशि स्वीकृत की गई है। इस राशि से तालवृक्ष के गंगा माता मंदिर में नवीन धर्मशाला निर्माण, सोलर लाइट, मंदिर परिसर में पार्किंग, चार दीवारी आदि के काम करवाए जाने हैं। इसके साथ ही भर्तृहरि व पांडुपोल मंदिर में भी कार्य करवाया जाएगा। माचाडी, भर्तृहरि व तालवृक्ष, भिवाड़ी के बाबा मोहनराम के मंदिर में भी विभाग की ओर से लाखों की लागत से मरम्मत एवं जीर्णोंद्धार कार्य करवाया जाना है। इन मंदिरों के लिए देवस्थान विभाग की ओर से पर्यटन विभाग को बजट दिया गया है। लेकिन दोनों विभागों में आपसी तालमेल न होने के कारण काम की प्रक्रिया बहुत धीमी है।
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