नैनीताल के जंगलों में भीषण आग, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों के साथ की बैठक
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नैनीताल: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हल्द्वानी पहुंचकर नैनीताल वनाग्नि को लेकर वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने पेयजल किल्लत को लेकर भी जल संस्थान के अधिकारियों को निर्देश दिए. इस बैठक में कुमाऊं कमिश्नर और जिलाधिकारी समेत कई प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे. बैठक में सीएम ने कहा आपसी समन्वय के साथ सभी विभाग के अधिकारी काम करें.
जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बैठक में फायर सीजन तक वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द करने के निर्देश दिए हैं. वहीं, मुख्यमंत्री धामी ने शनिवार दोपहर नैनीताल क्षेत्र में वनाग्नि से हुए नुकसान का हवाई सर्वेक्षण किया. उन्होंने कहा जंगलों में आग लगाने वाले अराजक तत्वों के विरुद्ध सख़्त कार्रवाई करने और वनाग्नि पर नियंत्रण पाने हेतु हम निरंतर कार्य कर रहे हैं.
दरअसल, उत्तराखंड में वनाग्नि हर साल की समस्या बन गई, जिसकी वजह से प्रदेश में तापमान भी लगातार बढ़ रहा है. राज्य में इस साल अब तक 708 हेक्टेयर वन भूमि आग से नष्ट हो चुकी है. इसको लेकर कुछ मामले दर्ज भी किए गए हैं. उत्तराखंड में अब 584 वनाग्नि के मामले सामने आए हैं, जिसमे कुमाऊं को 322 मामलों के साथ सबसे अधिक प्रभावित माना जा रहा है. गढ़वाल में 211 वनाग्नि के मामले सामने आए, प्रशासनिक फॉरेस्ट क्षेत्र 51 मामले सामने आए हैं.
नैनीताल और आसपास के क्षेत्र भी प्रभावित हुए हैं, जिसमे लगभग 100 हैक्टेयर भूमि वनाग्नि में जल कर खाक हो गई. कुमाऊं क्षेत्र में बागेश्वर क्षेत्र में भी लगातार वनाग्नि जारी है. मुख्यमंत्री पुष्कर धामी लगातार वनाग्नि पर नजर बनाए हुए हैं और अधिकारियों को 24 घंटे अलर्ट रहने का निर्देश दिया है. वहीं, मुख्यमंत्री धामी के सख्ती के बाद वन विभाग ने सख्त कार्रवाई की है. मौके से पकड़े गए तीन लोगों पर केस दर्ज कर जेल भेज दिया है.