नॉएडा न्यूज़: नोएडा प्राधिकरण से डीएनडी फ्लाईओवर जैसे महत्वपूर्ण परियोजना की फाइल का गायब होना कई सवालों को जन्म दे रहा है। इस प्रकरण से जहां प्राधिकरण के लाखों आवंटियों की फाइलों में लगे हुए अतिमहत्वपूर्ण डाक्यूमेंट्स यानि कागजातों की सुरक्षा व कार्यप्रणाली पर बड़ा सवालिया निशान लग गया है। वहीं यह मामला बड़े स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार को भी बयां कर रहा है।
सर्वविदित है कि नोएडा प्राधिकरण द्वारा किस तरह औने-पौने दामों पर डीएनडी को न सिर्फ जमीन आवंटित की गई, बल्कि अतिरिक्त जमीन भी दे दी गई। यह भी किसी से छिपा नहीं है कि नोएडा प्राधिकरण के सीईओ व अन्य पदों पर रहे चुके कई आईएएस अधिकारी सेवानिवृत्त होने के बाद डीएनडी कंपनी में शीर्ष पदों पर काबिज हो गए। जाहिर तौर पर हमेशा से डीएनडी के लिए ढाल बनकर कार्य कर रहे ऐसे अधिकारी अपने रसूखों का इस्तेमाल करके लगातार डीएनडी की पैरवी कर रहे हैं।
ऐसे में क्या यह संभव नहीं है कि इन्हीं अधिकारियों ने अपने रसूखों के जरिए कहीं नोएडा प्राधिकरण से फाइल गायब न करवा दी हो? दरअसल, डीएनडी के घोटाले पर जब सीएजी टीम की नजर पड़ी तो उन्होंने प्राधिकरण से इस मसले पर स्पष्टीकरण मांगा। इसके बाद जब फाइल खंगाली गई तो वह नदारद मिली।
प्राधिकरण कर्मचारियों के अलावा नोएडा के कई बुद्धिजीवी इस मसले पर नोएडा प्राधिकरण की कार्यशैली पर ही सवाल खड़ा कर रहे हैं। उनका कहना है कि यदि वास्तव में फाइल गायब हुई है तो यह गंभीर विषय है। इसकी उच्चस्तरीय जांच की जानी चाहिए। सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस प्रकार फाइल गायब हो जाने के बाद नोएडा प्राधिकरण के लाखों आवंटियों के दस्तावेजों (डाक्यूमेंट्स) की सुरक्षा का क्या होगा? इसी प्रकार के अनेक दूसरे सवाल भी उठ रहे हैं।