लद्दाख में आर्मी फॉर्मेशन में किए गए कई बड़े बदलाव, रक्षा मंत्री 18 नवंबर को करेंगे समीक्षा
ईस्टर्न लद्दाख (Eastern Ladakh) में भारत चीन के बीच चल रही स्टैंडॉफ़ पर 13वें राउंड की बैठक में कुछ ख़ास नही निकला था.
ईस्टर्न लद्दाख (Eastern Ladakh) में भारत चीन के बीच चल रही स्टैंडॉफ़ पर 13वें राउंड की बैठक में कुछ ख़ास नही निकला था जिसके बाद दोनों तरफ़ से लगातार तैयारियां भी की जा रही हैं. इसी बीच भारत ने चीन की चालबाज़ियों को भांपते हए 14 कॉर्प्स (लेह लद्दाख) के इलाक़े में कई बदलाव किए हैं.
सबसे ख़ास बदलाव है नए कॉर्प्स कमांडर जो इसी महीने टेकओवर कर लेंगे और अगली 14वीं बैठक को लीड भी करेंगे. लेकिन इसके अलवा और कई बदलाव भी किए जा रहे हैं जिसमें महत्वपूर्ण है अतिरिक्त ट्रूप्स की तैनाती.
14 कॉर्प्स में लगभग 3 डिविजन को जोड़ दिया गया है जिसमें से 2 डिविजन सिर्फ़ लद्दाख में LAC पर तेनात होंगी. इसमें स्ट्राइक कॉर्प्स के कई कॉम्पोनेंट जैसे light Artillary guns , ड्रोंज़, सर्विलांस और रडार , स्पेशल पैरा फोर्स को रखा गया है.
फोकस में पूरा LAC
इसके अलवा एक डिविजन सिर्फ़ लेह के दूसरे हिस्से कारगिल , द्रास और सियाचिन को देखेगी. ये वो इलाका है जो पाकिस्तान के साथ लगता है यानी फ़ोकस में पूरा एलएसी है.
दरसल एक डिविजन में लगभग 12-15 हज़ार जवान होते हैं और लेह लद्दाख में भारत चीन की सीमा सबसे लंबी है लेकिन पिछले साल से पहले यहां महज़ एक डिविजन ही थी लेकिन अब स्थायी तौर पर 3 डिविजन और स्ट्राइक कॉर्प्स की तैनती की जा रही है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे समीक्षा
ख़ास बात ये की रक्षामंत्री खुद 18 नवंबर को इसका रिव्यू भी लेंगे, जिसमें उनके साथ आर्मी चीफ़ , नॉर्थन आर्मी कमांडर और 14 कॉर्प्स के आला अधिकारी भी शामिल होंगे.
वहीं दूसरी ओर पिछले साल लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद से भारत सरकार ने सीमा पर निगरानी बढ़ा दी है. दोनों देशों के बीच अब तक विवाद का निपटारा नहीं हुआ है. इस बीच देश की सुरक्षा एजेंसियों ने कई बड़े बदलाव किए हैं, जिसमें एक महत्वपूर्ण बदलाव 'इंटीग्रेटेड एविएशन ब्रिगेड' को तैयार करना है. जिसका इस्तेमाल सेना और वायुसेना संयुक्त रूप से निगरानी के लिए करेंगी. साल 2020 में भारत चीन गतिरोध के बाद इंटीग्रेटेड एविएशन ब्रिगेड को लेकर फैसला लिया गया था.