सीएम पिनराई के हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट के खिलाफ हुए कई स्थानीय लोग, कहा- पर्यावरण पर पड़ेगा बुरा असर

मलप्पुरम में स्थानीय लोग केरल सरकार (Kerala government) के एक ड्रीम प्रोजेक्ट (Dream project), हाई स्पीड रेलवे लाइन (High speed railway line) का विरोध कर रहे हैं.

Update: 2021-07-28 12:41 GMT

मलप्पुरम में स्थानीय लोग केरल सरकार (Kerala government) के एक ड्रीम प्रोजेक्ट (Dream project), हाई स्पीड रेलवे लाइन (High speed railway line) का विरोध कर रहे हैं. दरअसल विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि यह रेलवे लाइन क्षेत्र के नाजुक इकोसिस्टम तंत्र (Fragile ecosystem) को नष्ट कर देगा, जो दुर्लभ प्रवासी पक्षियों का निवास स्थान है. सिल्वर लाइन परियोजना (Silver Line Project) का मैनेजमेंट केरल रेल विकास निगम या के-रेल नामक एक नए संगठन द्वारा किया जा रहा है, जो राज्य और केंद्रीय रेल मंत्रालय के बीच एक ज्वाइंट वेन्चर है.

इस परियोजना के तहत 529.45 किलोमीटर की लंबी सिल्वरलाइन कॉरिडोर बनाई जाएगी जो कासरगोड और तिरुवनंतपुरम को 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से जोड़ेगी. वहीं इसे साल 2019 के दिसंबर महीने में केंद्र सरकार से सैद्धांतिक मंजूरी मिली थी. कॉरिडोर कुल यात्रा को वर्तमान के मुकाबले चार घंटे से कम करने का वादा करता है. इस परियोजना को 63,941 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से पांच सालों में चालू करने की योजना है.
परियोजना के तहत 11 जिलों को कवर किया जाएगा
सिल्वर लाइन को स्टैंड-अलोन, स्टैंडर्ड गेज, इलेक्ट्रिक, पूरी तरह से बाड़ वाली रेल लाइन कॉरिडोर के रूप में दक्षिण में कोचुवेली से उत्तर में कासरगोड तक प्रस्तावित किया गया है, ये 11 जिलों को कवर करते हुए 11 स्टेशनों पर रुकेगी.
सिल्वर लाइन का लक्ष्य केरल के सुंदर, फिर भी नाजुक इकोसिस्टम के माध्यम से 529.45 किलोमीटर की दूरी केवल चार घंटे में 200 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति से चलाना है. वहीं औसत गति 132.5 किमी/घंटा प्रति घंटा तय की गई है. इस परियोजना को 63,941 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से पांच वर्षों में चालू करने की योजना है. इसलिए यह परियोजना केरल का अब तक का सबसे बड़ा विकास सपना है. पिनाराई विजयन सरकार का मानना ​​है कि इस परियोजना में केरल के पूरे हिस्से को 'विकास' के नक्शे में लाने की क्षमता है.
Tags:    

Similar News