डिप्टी मैनेजर सहित कई बैंक कर्मचारी गिरफ्तार, लॉकरों से करोड़़ों रुपये के जेवरात गायब होने की खबर

जांच जारी

Update: 2021-09-22 15:31 GMT

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झारखण्ड। पंजाब नेशनल बैंक में विलय के बाद यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया की डालटनगंज शाखा के लॉकरों से करोड़़ों रुपये के जेवरात गायब हो गए हैं। इस मामले में बैंक के डिप्टी मैनेजर प्रशांत कुमार सहित आधा दर्जन बैंक कर्मियों और स्वर्ण कारोबारियों को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है। शाखा प्रबंधक को भी पुलिस ने पूछताछ के लिए दो दिन से मेदिनीनगर टाउन थाना में रखा है। दूसरी तरफ पंजाब नेशनल बैंक की रांची स्थित क्षेत्रीय कार्यालय से तात्कालिक व्यवस्था के तहत रामाशंकर शर्मा को बतौर शाखा प्रबंधक डालटनगंज ब्रांच में तैनात किया गया है। उनके साथ एक अन्य पदाधिकारी की भी प्रतिनियुक्ति की गई है। बैंक अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि प्रारंभिक तौर पर दोषी पाये गए डिप्टी मैनेजर प्रशांत कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। आंतरिक जांच शुरू है। बुधवार को मुख्य प्रबंधक भी डालटनगंज आने वाले हैं। इसके बाद जांच की गति और तेज होगी।

अब तक बैंक के छह ग्राहकों के लॉकर से जेवरात, नकदी और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब मिले हैं। बैंक में कुल 90 लॉकर हैं। जिन लोगों के लॉकर से नकदी और गहने गायब हैं उनमें कृषि वैज्ञानिक अशोक कुमार सिन्हा, फिजिशियन डॉ. जय कुमार, नीलांबर-पीतांबर यूनिवर्सिटी के कर्मचारी राजीव मुखर्जी, गुड्डू शुक्ला भी शामिल हैं। ये सभी मंगलवार को बैंक पहुंचकर कार्यवाहक ब्रांच मैनेजर से मिले और अपनी शिकायत दी। भुक्तभोगियों ने कहा कि ब्रांच में उनके साथ कभी सम्मान से बात भी नहीं की जाती थी। बैंक अधिकारियों ने पुलिस से की गई शिकायत की कॉपी भुक्तभोगियों से मांगी पर उन्होंने देने से इनकार कर दिया।

एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने कहा कि बैंक लॉकर से छेड़छाड़ कर जेवरात, नकदी और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब करने के मामले में पुलिस अनुसंधान करीब-करीब निष्कर्ष पर पहुंच गया है। बैंक के अधिकारियों समेत कई अन्य को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। बुधवार को सबकुछ सामने आ जायेगा। पलामू जिले के चियांकी स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. अशोक कुमार सिन्हा को सबसे पहले उनके लॉकर से 21 लाख के गहने गायब होने का पता चला। इसके बाद उन्होंने मेदिनीनगर टाउन थाना में 17 सितंबर, 2021 को केस दर्ज कराया। मामले की जांच सब-इंस्पेक्टर नकुल शाह को सौंपी गई। पलामू सिविल कोर्ट के अधिवक्ता सतीश कुमार मिश्र ने बताया कि जिन धाराओं में मामला दर्ज किया गया है उनमें दो से लेकर दस साल तक की सजा हो सकती है।


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