नई दिल्ली: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को विधानसभा के विशेष सत्र में नई और पुरानी शराब नीति का अंतर बताया. इस दौरान सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में अगर पुरानी एक्साइज़ पॉलिसी में कोई बोतल 750 रुपए की मिलती थी, तो नई एक्साइज़ पॉलिसी में भी 750 रुपए की ही मिल रही है. ऐसा तो नहीं है कि जनता के ऊपर कोई बोझ डाला गया हो. इस दौरान मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह देश का पहला ऐसा भ्रष्टाचार का मामला है, जिसमें जनता फायदे में है. उन्होंने कहा कि रेड पर CBI ने एक ऐसी FIR दर्ज की है, जो सूत्रों पर आधारित है.
मनीष सिसोदिया ने सदन में नई और पुरानी पॉलिसी में होलसेल और रिटेल का फर्क स्पष्ट किया.
1. जिस चीज की फीस सरकार पहले पुराने रिजीम में 10 लाख रुपए लेती थी, उसकी होलसेल की फीस हमने 5 करोड़ रुपए कर दी.
2. रिटेल की दुकानों से जहां पहले कुल 6 करोड़ रुपए मिलता था, उसको हमने औसतन 10 करोड़ कर दिया. और ये कह रहे हैं कि भ्रष्टाचार हो गया.
3. जनता पर कोई बोझ नहीं बढ़ा. सरकार जहां से पहले 8 लाख रुपए लेती थी, वहां से आज 10 करोड़ रुपए ले रही है, और ये कह रहे हैं कि भ्रष्टाचार हो गया.
दिल्ली विधानसभा में मनीष सिसोदिया ने कहा कि ये पहला ऐसा भ्रष्टाचार है, जिससे जनता पर कोई बोझ नहीं बढ़ा. सरकार को कोई नुकसान नहीं हुआ. सब हवा में चल रहा है. सिर्फ धूल में लट्ठ मार रहे हैं. सारी FIR झूठी है.
इससे पहले मनीष सिसोदिया ने शराब नीति पर कहा था कि कोई घोटाला नहीं हुआ, सब बकवास है. सीबीआई जांच की जरूरत ही नहीं है. गिरफ्तारी के सवाल पर कहा था कि बात घोटाले की नहीं है, इसलिए गिरफ्तारी कर लेंगे, घोटाले की चिंता करते तो गुजरात की अवैध शराब की जांच होती. इनकी दिलचस्पी अरविन्द केजरीवाल को रोकने की है. नई आबकारी नीति को कैबिनेट से मंजूरी न लेने के आरोप पर सिसोदिया ने कहा कि कोई गड़बड़ी नहीं हुई है, पूरी जांच के बाद ही रेड करने आए हैं.