मणिपुर ने 1891 के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए देशभक्त दिवस मनाया

Update: 2023-08-13 08:50 GMT
इंफाल: मणिपुर ने 1891 में ब्रिटिश साम्राज्य को चुनौती देते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सभी शहीदों की याद में रविवार को देशभक्त दिवस मनाया। मणिपुर के लोगों ने ब्रिटिश सेना की तीन टुकड़ियों के खिलाफ बहादुरी से प्रतिरोध किया। इन्हे 1886 में तत्कालीन महाराजा चंद्रकीर्ति सिंह के निधन के बाद मणिपुर की स्वतंत्र रियासत पर नियंत्रण करने के लिए ब्रिटिश सरकार ने तैनात किया था।
युद्ध जीतने के बाद अंग्रेजों ने उन लोगों को गिरफ्तार कर लिया जो अपनी जमीन की रक्षा करने की कोशिश में शामिल थे, और प्रमुख लोगों को मौत की सज़ा सुनाई थी। 13 अगस्त 1891 को युवराज बीर टिकेंद्रजीत सिंह, थंगल जनरल और पाउना ब्रजबासी को बीर टिकेंद्रजीत पार्क में फांसी दे दी गई थी। देशभक्त दिवस समारोह में मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने एक मैसेज में कहा, ''यह अवसर बीर टिकेंद्रजीत, थंगल जनरल, चिरई नागा, पुखरंबम काजाओ, निरंजन सूबेदार और कई अन्य शहीदों जैसे वीर पूर्वजों की याद दिलाता है जिन्होंने अपनी मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए सर्वोच्च और निस्वार्थ बलिदान दिया।
राज्यपाल ने कहा कि जिन्हें मणिपुर से जीवन भर के लिए निर्वासित कर दिया गया था, वे अपने राष्ट्र की स्वतंत्रता में विश्वास करते थे और उन्होंने अन्य लोगों के साथ 1891 में ब्रिटिश साम्राज्य की ताकत को चुनौती दी और स्वतंत्रता के बिना जीने के बजाय मौत व जेल को गले लगा लिया। उन्होंने आगे कहा कि यह ऐतिहासिक दिन हमें यह भी याद दिलाता है कि अगर हम साथ नहीं रहेंगे और काम नहीं करेंगे तो हम हार जाएंगे। आइए, देशभक्त दिवस मनाते हुए, जाति, पंथ, धर्म और अन्य मतभेदों के बावजूद देश की स्वतंत्रता और अखंडता को चुनौती देने वाले सभी लोगों के खिलाफ एक होकर खड़े होने और लड़ने का संकल्प लें।
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने यहां पैलेस कंपाउंड में स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। सीएम के अलावा अन्य ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि आइए हम इस दिन को मनाते हैं, हम उन लोगों के बलिदान का सम्मान करें जिन्होंने हमारी स्वतंत्रता और संप्रभुता के लिए लड़ाई लड़ी। उनकी बहादुरी हमें हमारे प्यारे मणिपुर की एकता, विविधता और प्रगति को बनाए रखने के लिए प्रेरित करती है।
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