मणिपुर के मंत्री और विधायक राजनाथ से मिले, कुकी समझौता वापस लेने की मांग

Update: 2023-06-20 00:49 GMT

मणिपुर। मणिपुर के मंत्रियों और विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की और तीन कुकी उग्रवादी संगठनों के साथ हुए सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन (एसओओ) समझौते को तत्काल वापस लेने की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष थोकचोम सत्यब्रत सिंह के नेतृत्व में भाजपा और उसकी सहयोगी नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के मंत्रियों और विधायकों वाले 23 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने रक्षा मंत्री को जातीय हिंसा प्रभावित मणिपुर की जमीनी स्थिति से अवगत कराया। प्रतिनिधिमंडल में शामिल भाजपा के एक विधायक ने फोन पर कहा कि उन्होंने रक्षा मंत्री से मणिपुर में हिंसा को रोकने और शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया।

विधायक ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर मीडिया को बताया, हमने राजनाथ सिंह से जारी हिंसा को समाप्त करवाने की दिशा में कदम उठाने और हर कीमत पर राज्य की क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखते हुए राज्य में शांतिपूर्ण वातावरण बहाल करने का आग्रह किया। हमने एसओओ समझौते के जमीनी नियमों का उल्लंघन करने वाले विद्रोही समूहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी मांग की।

विधायकों ने रक्षा मंत्री से उग्रवादियों को उनके निर्धारित शिविरों में वापस लाने के लिए कदम उठाने का भी आग्रह किया। केंद्र और मणिपुर सरकार द्वारा तीन संगठनों कुकी नेशनल आर्मी (केएनए), जोमी रिवोल्यूशनरी आर्मी (जेडआरए) और कुकी रिवोल्यूशनरी आर्मी (केआरए) के साथ 22 अगस्त 2008 को त्रिपक्षीय एसओओ समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद मणिपुर में 2,266 कुकी कैडर अलग-अलग नामित शिविरों में रह रहे हैं।

23 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में राज्यसभा सांसद महाराज सनाजाओबा, राज्य के मंत्री थौनाओजम बसंत कुमार, गोविंददास कोंथौजम, सपम रंजन, हेखम डिंगो, एल. रमेशोर, के. रोबिंद्रो, श्यामकुमार और जॉयकिशन शामिल थे। संकटग्रस्त मणिपुर के मंत्री, विधायक, विभिन्न दलों के नेता, बुद्धिजीवी, साहित्यिक और सांस्कृतिक हस्तियां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और अन्य केंद्रीय नेताओं से मिलने दिल्ली पहुंचे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता ओकराम इबोबी सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस विधायक बीते गुरुवार को दिल्ली गए थे, लेकिन अभी तक उन्हें पीएम से मिलने का समय नहीं मिला है।

प्रख्यात रंगकर्मी रतन थियम के नेतृत्व में बुद्धिजीवियों, साहित्यिक और सांस्कृतिक हस्तियों का 12 सदस्यीय दल भी दिल्ली में है और राष्ट्रपति से मिलने की कोशिश कर रहा है, ताकि उन्हें मणिपुर की स्थिति से अवगत कराया जा सके।

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