ममता सरकार 'यास' तूफान नुकसान के आकलन के लिए सैटेलाइट का लेगी सहारा
पश्चिम बंगाल में गत 26 मई को आए चक्रवाती तूफान यास से हुए.
पश्चिम बंगाल में गत 26 मई को आए चक्रवाती तूफान यास (Yaas Cyclone) से हुए वास्तविक नुकसान का आकलन करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार अब अत्याधुनिक तकनीक का सहारा लेने जा रही है. राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के सूत्रों ने बताया है कि 'यास' से बंगाल के विभिन्न जिलों में पहुंचे नुकसान का आकलन करने के लिए ममता सरकार सैटेलाइट का सहारा लेगी, जबकि राहत देने के लिए 'दुआरे त्राण' (Duaretran) से आवेदन लेने शुरू हुए हैं.
बता दें कि चक्रवाती तूफान यास से पश्चिम के तटवर्ती जिले पूर्व मेदिनीपुर, दक्षिण 24 परगना और उत्तर 24 परगना के कई इलाकों में बहुत ही नुकसान पहुंचा है. पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया था, हालांकि यास चक्रवाती तूफान को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच बैठक को लेकर अभी तक तकरार जारी है.
सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों के जरिए होगी समीक्षा
वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे नुकसान की सैटेलाइट तस्वीरों के जरिए समीक्षा की जाएगी और उसके आधार पर पीड़ितों को मुआवजा दिया जाएगा. बता दें कि पिछले साल आए चक्रवात 'आम्फन' के समय राहत सामग्रियों के बंटवारे और क्षतिपूर्ति देने में धांधली के लगे आरोपों को देखते हुए राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है यानी अब प्रखंड विकास अधिकारी (बीडीओ) अथवा जिले के कृषि अधिकारियों की तरफ से पेश की जाने वाली नुकसान की रिपोर्ट के आधार पर सरकार मुआवजा नहीं देगी.
राहत के लिए शुरू हुआ है 'दुआरे त्राण'
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले दिनों चक्रवात पीड़ितों की मदद के लिए राज्य सरकार की ओर से 'दुआरे त्राण' (दरवाजे पर राहत) नामक प्रकल्प की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि यह 'दुआरे सरकार' (दरवाजे पर सरकार) प्रकल्प का ही हिस्सा होगा. इसका लाभ लेने के लिए चक्रवात प्रभावित तीन से 18 जून तक सीधे तौर पर आवेदन कर सकते हैं. 19 से 30 जून तक सरकार की तरफ से आवेदनों की स्क्रूटनी की जाएगी ताकि सही मायने में जो जरूरतमंद हैं, उनकी मदद की जा सके. इसके बाद एक से आठ जुलाई के बीच सीधे तौर पर आवेदकों के बैंक खाते में मुआवजा राशि जमा करा दी जाएगी.