ममता बनर्जी दे रही केजरीवाल का साथ, कांग्रेस ने पल्ला झाड़ा

जानिए क्या है वजह

Update: 2023-05-23 13:51 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: आज तक

नई दिल्ली। दिल्ली में सरकारी अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का मामला गरमा गया है. केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली की आम आदमी पार्टी ने देशव्यापी समर्थन जुटाना शुरू कर दिया है. मंगलवार को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पश्चिम बंगाल के दौरे पर पहुंचे. उनके साथ पंजाब के सीएम भगवंत मान, राज्यसभा सांसद संजय सिंह, राघव चड्ढा और मंत्री आतिशी सिंह भी थीं. AAP नेताओं ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की. उसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेस में केंद्र की बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला. वहीं, कांग्रेस ने इस पूरे विवाद से किनारा कर लिया है.
बता दें कि केंद्र सरकार 'राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण' बनाने का अध्यादेश लेकर आई है. इस अध्यादेश को कानूनी अमलाजामा पहनाने के लिए छह महीने में संसद से पास कराना जरूरी है. हालांकि, छह महीने के भीतर संसद से पास नहीं होता है तो ये अध्यादेश स्वत: समाप्त हो जाएगा. दरअसल, दिल्ली में केजरीवाल सरकार बनाम उपराज्यपाल मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला दिया था. इसमें निर्वाचित सरकार को अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिया गया था.
ममता बनर्जी ने कहा, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी केंद्र सरकार जो दिल्ली सरकार के खिलाफ अध्यादेश लेकर आई है उसका हम विरोध करेंगे और मैं सभी पार्टियों को भी इस पर साथ आने का आग्रह करती हूं. हम मिलकर बीजेपी को राज्यसभा में हरा सकते हैं. उन्होंने कहा, ईगो की एक लिमिट होती है. जो भी मर्जी में आए, वो कर सकते हैं? हम लोगों को अब इस बात की चिंता है कि संविधान ही ना बदल दिया जाए. देश का नाम ना बदल लें. देश का नाम भी अपनी पार्टी के नाम पर कर देंगे. और नाम पर कर देंगे. ऐसा नहीं चल सकता है. आज भी हम यह बात नहीं समझे तो दुनिया के लोग हमें क्षमा नहीं करेंगे.
ममता ने आगे कहा, आज मणिपुर में हर रोज खून बह रहा है. लेकिन, उस पार्टी के किसी को फुर्सत नहीं मिली कि वहां जाकर लोगों से मिलें. आज भी लोग बाहर नहीं निकल सकते हैं. बीजेपी के लोग रास्ते में खड़े होकर बोलते हैं कि कल इसके घर में ईडी जाएगी. उसके घर में एनआईए छापा मारेगी. कल इसको अरेस्ट किया जाएगा. कैसे बीजेपी के छोटे-छोटे कार्यकर्ताओं को इसकी जानकारी होती है. तब ये कैसी सरकार है? मैं बहुत आश्चर्यचकित हूं. यह सरकार 'एजेंसी की, एजेंसी द्वारा और एजेंसी के लिए' बन गई है.
ममता का कहना था कि हम SC का सम्मान करते हैं और केवल SC ही इस देश को बचा सकता है. SC के फैसले के बावजूद केंद्र अध्यादेश लाया. मैं सभी पार्टियों से अपील करना चाहती हूं कि लोकसभा से पहले बीजेपी को हराने के लिए साथ आएं. यह एक बड़ा अवसर है. हमारी पार्टी राज्यसभा में इसका विरोध करेगी.
अरविंद केजरीवाल ने कहा, मेरी सरकार बनते ही केंद्र ने हमारी सारी ताकत छीन ली. हमने 8 साल तक लड़ाई लड़ी और आखिरकार हम SC में जीत गए, लेकिन अब वे अब अध्यादेश ले आए हैं. उन्होंने लोकतंत्र को मजाक बना दिया है. जहां भी उनकी (बीजेपी) सरकार नहीं है, वे विधायक खरीदते हैं या सरकार को डराने के लिए एजेंसियों का इस्तेमाल करते हैं या वे सरकार को परेशान करने के लिए राज्यपाल के कार्यालय का उपयोग करते हैं. अगर हम उन्हें राज्यसभा में हरा सकते हैं तो यह लोकसभा से पहले सेमीफाइनल होगा.
केजरीवाल ने कहा, हमने पंजाब, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु में देखा कि राज्यपाल कैसे सरकार को तंग कर रहे हैं. दिल्ली में इन्होंने जो किया वह जनतंत्र के खिलाफ है. देश की जनता को इस अहंकारी सरकार को हटाना चाहिए. मैं दीदी का धन्यवाद करूंगा कि राज्यसभा में इन्होंने कहा कि वे हमारा समर्थन करेंगी. राज्यसभा में अगर यह बिल गिर जाता है तो यह 2024 से पहले सेमीफाइनल होगा.
पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा, अगर 30 गवर्नर और पीएम को देश चलाना है तो चुनाव कराने का क्या फायदा. अगर एलजी का मतलब सरकार है तो दिल्ली के लोगों ने वोट किसको दिया?
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