नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है और उनसे मुलाकात का वक्त मांगा है। कांग्रेस नेता का कहना है कि वह पीएम मोदी से मिलकर पार्टी का घोषणा पत्र उन्हें समझाना चाहते हैं ताकि वह उसे लेकर कोई ऐसा बयान न दें, जो गलत हो। मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी कांग्रेस के घोषणा पत्र को लेकर गलत बयान दे रहे हैं और सांप्रदायिक विभाजन की कोशिश की जा रही है। खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस पर संसाधनों के पुनर्वितरण और ‘विरासत कर’ संबंधी आरोप लगाए जाने के बाद यह पत्र लिखा है।
प्रधानमंत्री ने हाल की कुछ सभाओं में कई बार यह कहा है कि कांग्रेस लोगों की संपत्तियों को छीनकर ‘समुदाय विशेष’ के लोगों में बांटना चाहती है। उन्होंने कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के ‘विरासत कर’ संबंधी बयान को लेकर दावा किया है कि कांग्रेस लोगों की पुश्तैनी संपत्ति को भी हड़पना चाहती है। खरगे ने पत्र में कहा, ‘पिछले कुछ दिनों में आपकी भाषा और भाषणों से मैं बिल्कुल भी हैरान नहीं हूं। पहले चरण के चुनाव में भाजपा के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद आपसे और आपकी पार्टी के नेताओं से इस तरह की बातें करने की उम्मीद भी थी।’
उन्होंने पत्र में दावा किया कि संदर्भ से हटकर कुछ शब्दों को पकड़ना और फिर सांप्रदायिक विभाजना पैदा करना प्रधानमंत्री की आदत बन गई है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘आप इस तरह से बातें करके प्रधानमंत्री पद की गरिमा कम कर रहे हैं। जब यह सब (चुनाव) पूरा हो जाएगा तो लोग यह याद रखेंगे कि प्रधानमंत्री ने हार के डर से इस तरह की अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था।’ उनका कहना है कि प्रधानमंत्री को उनके सलाहकारों द्वारा उन बातों को लेकर गुमराह किया जा रहा है जो कांग्रेस के घोषणा पत्र में नहीं हैं।
खरगे ने कहा, ‘मैं आपसे व्यक्तिगत रूप से मिलकर हमारे ‘न्याय पत्र’ के बारे में वस्तुस्थिति को स्पष्ट करना चाहता हूं ताकि देश के प्रधानमंत्री के रूप में आप ऐसे बयान न दें जो गलत हों।’ गौरतलब है कि पहले राहुल गांधी ने अपने एक भाषण में कहा था कि हम जातीय जनगणना के साथ ही आर्थिक सर्वे भी कराएंगे। इसके बाद संसाधनों के पुनर्वितरण की कोशिश होगी। पीएम मोदी ने इस बयान को लेकर निशाना साधा था। इसी बीच सैम पित्रोदा का अमेरिका से बयान आया, जिसमें उन्होंने वहां का हवाला देते हुए विरासत टैक्स की वकालत की थी। इसके बाद से पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा नए सिरे से कांग्रेस पर हमलावर हैं।