मल्लिकार्जुन खड़गे ने फहराया तिरंगा, कहा- लोकतंत्र व संविधान कर रहे खतरे का सामना
नई दिल्ली: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को यहां पार्टी मुख्यालय पर तिरंगा फहराया और केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि लोकतंत्र और संविधान गंभीर खतरे का सामना कर रहे हैं।
कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी, मीरा कुमार, अंबिका सोनी, सलमान खुर्शीद के साथ-साथ अन्य सदस्य और कार्यकर्ता मौजूद थे। ध्वजारोहण के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए खड़गे ने कहा, "राष्ट्र निर्माण एक सतत प्रक्रिया है और हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के साथ-साथ हमारे पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू ने भी अपने योगदान से आकांक्षाओं को पूरा किया है।"
कांग्रेस नेता ने कहा, "लेकिन आजकल कुछ लोग इस तरह से प्रोजेक्ट करते हैं कि कोई विकास नहीं हो रहा है। लेकिन ऐसा नहीं है। जब अंग्रेज भारत छोड़कर चले गए, तो कुछ भी नहीं बचा था और हम एक सुई भी बनाने में सक्षम नहीं थे।" उन्होंने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज किया। खड़गे ने कहा कि नेहरू ने इस्पात संयंत्र स्थापित किए, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां बनाईं, देश के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा किए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "उन्होंने आईआईटी, आईआईएम, एम्स, अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान इसरो की भी स्थापना की और देश में परमाणु अनुसंधान की नींव रखी।" उन्होंने देश में हरित क्रांति और देश में खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए दिवंगत प्रधानमंत्रियों लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी की भूमिका की भी सराहना की।
खड़गे ने बांग्लादेश बनाकर दुनिया का नक्शा बदलने में इंदिरा गांधी की भूमिका की भी सराहना की। इसके बाद कांग्रेस नेता ने देश में दूरसंचार क्रांति लाने के लिए दिवंगत प्रधान मंत्री राजीव गांधी की भूमिका पर प्रकाश डाला।
उन्होंने यह भी कहा कि देश में शांति के लिए असम समझौते, मिजोरम समझौते, शिलांग समझौते और कई अन्य समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। खड़गे ने पी.वी. नरसिम्हा राव के कार्यकाल के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के खुलेपन पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने सरकार की आलोचना करते हुए कहा, "आज मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि लोकतंत्र, संविधान और संस्थाएं गंभीर खतरे का सामना कर रही हैं। संसद में विपक्षी सदस्यों को निलंबित किया जा रहा है और उनकी आवाज दबाई जा रही है। और आज लोग कहते हैं कि हम लोकतंत्र को मजबूत कर रहे हैं।" .
उन्होंने कहा, "जब मैं संसद में बोलने के लिए खड़ा होता हूं, तो मेरा माइक बंद कर दिया जाता है। यह सब चल रहा है, जबकि हम सबसे बड़ा लोकतंत्र होने का दिखावा करते हैं। लोकतंत्र और संविधान हमारी आत्मा हैं और हम आज प्रतिज्ञा लेते हैं कि शांति के लिए, लोकतंत्र की रक्षा के लिए, संविधान व देश को बचाएंगे।"
इससे पहले दिन में, खड़गे लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए, जहां प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया।