सोने की तस्करी पर बड़ी कार्रवाई, 7.75 करोड़ रुपये का 10.32 किलो सोना जब्त
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नई दिल्ली: राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) के अधिकारियों ने सोने की तस्करी पर एक बड़ी कार्रवाई की है. टीम ने अहमदाबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास एक होटल से संचालित एक सोने की तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इस कार्रवाई के दौरान डीआरआई ने 24 कैरेट शुद्धता वाला कुल 10.32 किलोग्राम सोना जब्त किया है, जिसकी कीमत 7.75 करोड़ रुपये आंकी जा रही है.
डीआरआई अधिकारियों ने सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अबू धाबी से आने वाले दो यात्रियों का गुप्त रूप से पीछा किया. उनके साथ हवाई अड्डे पर दो अन्य व्यक्ति भी थे. डीआरआई के अधिकारियों ने यात्रियों और रिसीवर को अहमदाबाद हवाई अड्डे के क्षेत्र के पास एक होटल के करीब रोका.
विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर यात्रियों की व्यक्तिगत तलाशी ली गई. उनके अंतर्वस्त्रों में छुपाए गए 3596.36 ग्राम तस्करी वाले सोने के पेस्ट बरामदगी किए गए. इसके बाद डीआरआई अधिकारियों की एक टीम ने उस होटल में तलाशी अभियान चलाया, जहां सिंडिकेट के अन्य सदस्य ठहरे हुए थे.
पूछताछ से पता चला कि एक व्यक्ति सिंडिकेट के दूसरे सदस्य द्वारा तस्करी किए गए सोने के पेस्ट को प्राप्त करने के बाद अहमदाबाद छोड़ चुका था. वह सुबह की फ्लाइट से यहां पहुंचा था. पूछताछ के दौरान मिली जानकारी के आधार पर डीआरआई अधिकारियों ने दुबई से अहमदाबाद एयरपोर्ट पर आए इसी गिरोह के एक अन्य यात्री को रोका.
अधिकारियों को उससे पास से 5.5 किलोग्राम सोने का पेस्ट बरामद हुआ. कुल जब्त सोने की मात्रा 10.32 किलोग्राम थी, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 7.75 करोड़ रुपये है. पकड़े गए यात्रियों और गिरोह के सदस्यों ने दुबई और अबूधाबी से सोने के पेस्ट की तस्करी करके उसे अहमदाबाद में अपने संचालक को सौंपने की बात स्वीकार की है.
तस्करी में सक्रिय रूप से शामिल मुख्य संचालक सहित सभी दस सदस्यों को डीआरआई ने सीमा शुल्क अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर लिया है. पता चला है कि इस गिरोह के तार चेन्नई के एक सोना वाहक गिरोह से जुड़े हुए हैं, जो अहमदाबाद हवाई अड्डे के माध्यम से काम कर रहा था.
गिरोह के सदस्य तमिलनाडु से संबंधित विभिन्न व्यक्तियों के माध्यम से विदेश से सोने के पेस्ट की तस्करी करते थे, जो 'वाहक' के रूप में काम करते थे. हवाई अड्डे के नजदीक एक होटल में एक संचालक तस्करी का माल प्राप्त करता था. इसके बाद वह तुरंत सोने को मुंबई, चेन्नई और अन्य स्टेशनों पर ले जाने के लिए एक अन्य व्यक्ति को लगा देता था. जांच में यह पता चला है कि गिरोह पिछले चार महीनों से सक्रिय था.