अजीतगढ़ में राधा कृष्ण मंदिर में महायज्ञ का हुआ समापन

Update: 2024-04-18 12:26 GMT
सीकर। दिवराला के रामसर जोहड़े स्थित राधा कृष्ण मंदिर में महंत किशन दास महाराज के निर्देशन में नव दिवसीय 108 कुंडतक श्री राधे श्याम महायज्ञ का समापन बुधवार को 51 लाख 51 हजार आहुतियों के साथ हुआ। पूर्णाहुति के अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने महायज्ञ मंडप की परिक्रमा कर पंगत प्रसादी ग्रहण की. इस मौके पर संतों ने प्रवचन के दौरान कहा कि धार्मिक कार्यक्रमों में महायज्ञ का विशेष महत्व है. वे यज्ञ के माध्यम से भगवान को आहुतियां देकर देवताओं को प्रसन्न करते हैं। महायज्ञ समिति व्यवस्थापक ओमपाल सिंह, मीडिया प्रभारी चक्रवर्ती यादव, सुशील शर्मा, अनिल सैनी ने बताया कि 9 दिनों तक चले महायज्ञ में आसपास के गांवों ढाणियों से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने सेवा की।

इस आयोजन में स्काउट, पुलिस के अलावा कई सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने 24 घंटे की अलग-अलग शिफ्ट में सेवा दी। यज्ञाचार्य पंडित चिरंजीवी शास्त्री एवं ब्रह्मा राजकुमार शास्त्री ने बताया कि बुधवार को महायज्ञ के समापन तक राधा कृष्ण सहस्रनामावली मंत्र की 51 लाख 51 हजार आहुतियां दी गईं। महायज्ञ के समापन पर हजारों श्रद्धालुओं ने महायज्ञ मंडप की परिक्रमा कर संतों के प्रवचन का लाभ उठाया. आयोजन समिति ने बताया कि महायज्ञ के 9वें दिन महायज्ञ के समापन पर भागवत कथा वाचक अमृत राम महाराज ने प्रवचन देते हुए कहा कि जब तक भागवत कथा चलती है, यदि कोई व्यक्ति इसका श्रवण करता है. उसे भी पुण्य की प्राप्ति होती है. होती है। इस अवसर पर नंद उत्सव का भी आयोजन किया गया। बुधवार की सुबह 11:15 बजे नौ दिनों से चल रहे इस महायज्ञ की पूर्णाहुति मंत्रोच्चारण के साथ की गयी।
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