महाराष्ट्र। महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक संकट के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पहली बार बड़ा संकेत दिया है. उन्होंने कहा है कि अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला उनके खिलाफ जाता है, ऐसी स्थिति में वे फ्लोर टेस्ट से पहले ही इस्तीफा दे सकते हैं. ऐसे में कोर्ट का फैसला ही इस सियासी ड्रामे का क्लाइमेक्स लिखने वाला है.
अभी तक को आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन कहा जा रहा है कि कैबिनेट बैठक में उद्धव ठाकरे ने साफ कर दिया है कि वे इस्तीफा भी दे सकते हैं. सब कुछ सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्भर रहने वाला है. अगर फ्लोर टेस्ट अभी नहीं होता है तो उद्धव अपनी कुर्सी पर बने रह सकते हैं, लेकिन अगर कोर्ट ने आदेश दे दिया, उस स्थिति में उनके पास इस्तीफा का विकल्प खुला है.
वैसे बैठक के दौरानऔरंगाबाद का नाम बदले जाने को लेकर सीएम उद्धव ठाकरे ने खुशी जाहिर की. उन्होंने सभी अपने साथियों का शुक्रिया भी अदा किया. लेकिन उनकी तरफ से ये भी कहा गया कि इस समय उनके अपनों ने ही उनके साथ धोखा दिया है. जानकारी के लिए बता दें कि शिंदे गुट की बगावत के बीच उद्धव सरकार ने कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला लेते हुए औरंगाबाद का नाम बदला है. अब औरंगाबाद का नाम बदल संभाजी नगर करने का फैसला लिया गया है. बड़ी बात ये है कि जो विधायक इस समय बागी हैं, उनकी शिकायत थी कि सरकार इस मुद्दे पर कोई फैसला नहीं ले रही.
यहां ये जानना भी जरूरी हो जाता है कि उद्धव ठाकरे ने बागी विधायकों की मांग तो मानी है, लेकिन कांग्रेस की एक भी मांग को पूरा नहीं किया गया. कैबिनेट बैठक में कांग्रेस की तरफ से भी कुछ मांगे रखी गई थीं. सबसे बड़ी तो ये रही कि पुणे का नाम बदल Jijau Nagar कर दिया जाए. लेकिन सीएम की तरफ से किसी भी मांग को हरी झंडी नहीं दिखाई गई.
लेकिन जानकार मानते हैं कि उद्धव ठाकरे ने औरंगाबाद का नाम बदलने में देरी कर दी. कहने को ये मांग शिंदे गुट की तरफ से काफी पहले उठाई गई थी, लेकिन अब उन बागियों का वापस आना मुश्किल दिखाई पड़ता है. मीडिया से बात करते हुए एकनाथ शिंदे तो विक्ट्री साइन भी दिखा चुके हैं, ऐसे में वे पूरी तरह जंग के मैदान में हैं और फ्लोर टेस्ट होने का इंतजार कर रहे हैं.