नई दिल्ली: किसान आंदोलन के जरिए अपनी पहचान बनाने वाले राकेश टिकैत और उनके भाई नरेश टिकैत अपने घर मुजफ्फरनगर में आज (29 मई) एक बड़ी पंचायत कर रहे हैं. पंचायत में पश्चिमी यूपी के तमाम जाट खाप के मुखिया यानी चौधरियों को बुलाया गया है. खाप महापंचायत में यूं तो मुद्दे वही रखे गए हैं जो लगातार किसान आंदोलन के दौरान तमाम संगठन उठाते रहे हैं. लेकिन यह पंचायत महत्वपूर्ण इसलिए हो जाती है क्योंकि इसका आयोजन बालियान खाप के चौधरी नरेश टिकैत कर रहे हैं. नरेश टिकैत ही भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं.
पिछले दिनों उनके संगठन में एक बड़ी सेंध तब लगी जब लखनऊ में भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के नाम से एक नया संगठन बना दिया गया. अब नरेश और राकेश टिकैत के सामने चुनौती ये है कि वह दोबारा इस बात को स्थापित कर पाए कि वही भारतीय किसान यूनियन के सर्वमान्य नेता है और इसमें खाप चौधरियों की भूमिका काफी अहम हो जाती है.
रविवार को होने वाली महापंचायत में जो मुद्दे रखे गए हैं उसमें किसानों से जुड़े हुए ही मसले शामिल हैं. इसलिए जाहिर तौर पर तो कोई भी संगठन में फूट डालने वालों पर कोई प्रस्ताव नहीं रखा गया है, लेकिन मकसद अपना शक्ति प्रदर्शन करना ही दिखता है.
दरअसल, संगठन के मुखिया जो बनाए गए हैं वह भी गठवाला खाप के चौधरी हैं. इसलिए यह देखना भी अहम हो जाता है कि क्या गठवाला खाप के मुखिया राजेंद्र सिंह इस खाप महापंचायत में शिरकत करने आएंगे या नहीं. किसान आंदोलन के दौरान भी राजेंद्र सिंह टिकैत बंधुओं का विरोध करते आए हैं और आज की महापंचायत में उनके शामिल होने पर शंका बनी हुई है.
यूं तो खाप महा पंचायतों का इतिहास काफी पुराना रहा है और अंग्रेजों के जमाने से ही ऐसी पंचायतें लगातार कई बड़े सामाजिक आर्थिक फैसले लेती आई है. आज के दौर में भी लगातार खाप महा पंचायतें अपनी प्रासंगिकता बनाने के लिए लगी रहती हैं. इसलिए आज की इस किसान-मजदूर महापंचायत में खापों की ओर से यह 8 प्रस्ताव पारित किए जा सकते हैं...
1- किसान आंदोलन को स्थगित करने के बाद से सरकार और किसानों की वार्ता का क्रम टूट गया है. सरकार किसानों के प्रतिनिधि संगठन संयुक्त किसान मोर्चा से वार्ता जल्द से जल्द शुरू करे ताकि एमएसपी गारंटी कानून, बिजली, एनजीटी जैसे मुद्दों का किसानों व मजदूरों के हित में हल निकाला जा सके.
2- किसान आंदोलन के दौरान दायर सभी मुकदमों को बिना शर्त वापस लिया जाए और शहीद किसानों को उचित मुआवजा व पीड़ित परिवार से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने की दिशा में सरकार जल्द कदम उठाए.
3- गांव-देहात में जमीन विवाद को लेकर आपसी झगड़ों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. सरकार प्राथमिकता के आधार पर अलग से समयबद्ध मामलों का निस्तारण करे.
4- दहेज हत्या और भ्रूण हत्या समाज के लिए अभिशाप है. इसकी रोकथाम के लिए और भी कड़े कानून बनाए जाएं. इस कुरीतियों को जड़ से मिटाने के लिए खाप पंचायतों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए.
5- बेटियों की शिक्षा सुनिश्चित कराने के लिए हर संभव प्रयास खाप पंचायतों द्वारा किया जाएगा, जिसमें आर्थिक और सामाजिक सहायता भी खाप पंचायतों की ओर से यथासंभव मदद का प्रयास किया जाएगा.
6- युवाओं को नशे की लत से दूर रखने के लिए खाप पंचायत जागरूकता अभियान चलाएंगी और इसमें स्थानीय लोगों की मदद से इसे असरदार बनाया जाएगा.
7- पर्यावरण को सुरक्षित रखना आज का सबसे महत्वपूर्ण विषय है. हमें जल-जंगल-जमीन को उजड़ने और बांझ होने से बचाने के लिए हर संभव प्रयास करने होंगे ताकि हम आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ पर्यावरण दे सकें. इस महापंचायत के माध्यम से मांग की जाती है कि इस दिशा में चलाए जा रहे सभी सरकारी अभियानों को खाप पंचायतों से जोड़ा जाए.
8- किसानों की आय दोगुना करने के सरकारी वायदे को पूरा करने के साथ-साथ खाप पंचायत यह भी मांग करती है कि असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी दर को दो गुना किया जाए.