महंत नरेंद्र गिरि आत्महत्या मामला, आनंद गिरि की जमानत पर सुनवाई जारी

Update: 2022-08-11 03:07 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान

प्रयागराज। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की आत्महत्या के मामले में उकसाने के आरोपी शिष्य आनंद गिरि की जमानत अर्जी पर बुधवार को सुनवाई हुई, जो गुरुवार को भी होगी। न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह के समक्ष सुनवाई के दौरान आनंद गिरि की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी ने अपनी बहस में कहा कि आनंद गिरि पर सुनी हुई बातों को लेकर आरोप लगाया गया है।

आत्महत्या के पहले लिखे गए नोट में महंत ने दूसरे व्यक्ति के हवाले से याची पर उन्हें बदनाम करने का आरोप लगाया है। उनकी व्यक्तिगत जानकारी में बातें नहीं लिखी गई है। याची का महंत के साथ विवाद समाप्त हो गया था और उन्होंने याची को क्षमा कर दिया था। उनमें कोई दुराव नहीं रह गया था। याची घटना से दो माह पहले से हरिद्वार में रह रहा था।
महंत नरेंद्र गिरि से आत्महत्या से पहले याची द्वारा मोबाइल पर बात करने और भयभीत करने का कोई साक्ष्य नहीं हैं। वह घटनास्थल से काफी दूर था। किसी दूसरे व्यक्ति ने उन्हें गलत जानकारी देकर आत्महत्या की ओर धकेला है, जिसमें याची कोई भूमिका नहीं है। उनकी मृत्यु से याची को कोई लाभ न होकर नुकसान ही हुआ है। समय की कमी के कारण सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। गुरुवार को वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश व एडवोकेट संजय यादव सीबीआई का पक्ष रखेंगे।
सीबीआई अधिवक्ता ने कहा था कि मामले की जांच सीबीआई कर रही है। मामले में एफआईआर दर्ज कर आरोप पत्र दाखिल किया है, लिहाजा, केस की सुनवाई सीबीआई की लखनऊ पीठ में होनी चाहिए। इस पर जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि और वादी के अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि सीबीआई को मामला सुपुर्द होने से पहले स्थानीय पुलिस एफआईआर दर्ज कर जांच कर रही थी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने उसका संज्ञान लिया और आरोपित को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। सीबीआई तो इस मामले में बाद में आई, इसलिए ट्रायल पर उसका क्षेत्राधिकार नहीं बनता है।
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