महंत नरेंद्र गिरि केस, पढ़े अभी तक का लेटेस्ट अपडेट

Update: 2021-09-21 01:35 GMT

प्रयागराज: अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद उनके कमरे से तलाशी के दौरान एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है. सुसाइड नोट में उनके एक शिष्य का ज़िक्र किया गया है, जिसने महंत नरेंद्र गिरि को मानसिक तौर पर परेशान किया था. पुलिस अब उनके शिष्य आनंद गिरि को लेकर जांच में जुट गई है. इसी के चलते हरिद्वार में आनंद गिरि को हिरासत में लिया गया है. इसके बाद प्रयागराज पुलिस ने प्रसिद्ध लेटे हनुमान मंदिर के पुजारी और उनके बेटे को भी हिरासत में ले लिया है.

प्रयागराज के जार्ज टाउन थाने में इस संबंध में एफआईआर दर्ज की गई है. आईपीसी 306 के तहत यह एफआईआर दर्ज की गई है. आनंद गिरि के खिलाफ एफआईआर नामजद की गई. इस बीच अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष का पार्थिव शरीर डीप फ्रीजर में रखा है. सुबह 11:30 पर लोगों के दर्शनों के लिए पार्थिव शरीर रखा जाएगा.
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की लाश सोमवार शाम को बाघंबरी मठ में उनके कमरे में नाईलोन की रस्सी के फंदे पर लटकती मिली थी. पुलिस को इस बारे में शाम करीब 5 बजकर 20 मिनट पर सूचना मिली थी.
इस बीच समाचार एजेंसी एएनआई ने एडीजी प्रयागराज प्रेम प्रकाश के हवाले से पूरे मामले पर कहा कि हम अभी बयान दर्ज कर रहे हैं. फील्ड यूनिट फोरेंसिक साक्ष्य जुटा रही है. शव को कल (मंगलवार) पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाएगा. हम निष्कर्षों के आधार पर कार्रवाई करेंगे. महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
इस बीच अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के उपाध्यक्ष देवेंद्र सिंह ने महंत नरेंद्र गिरि मौत मामले की जांच सीबीआई की मांग की है और कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच हो.
पुलिस के मुताबिक बाघंबरी मठ में जहां महंत नरेंद्र गिरि का शव फंदे से लटकता मिला, वहां चारों तरफ से दरवाजे बंद थे. कमरे का मुख्य दरवाजा भी अंदर से बंद था. पुलिस ने शुरुआती जांच के आधार पर इसे आत्महत्या बताया है. पुलिस ने जांच के लिए मौके पर फॉरेंसिक टीम को भी बुलाया है. अब वहां से सुराग और सबूत जुटाए जा रहे हैं.
प्रयागराज पुलिस ने उनकी मौत को लेकर एक बयान जारी किया है. जिसमें कहा गया कि मौका-ए-वारदात से 6-7 पेज का सुसाइड नोट मिला है. बरामद किए गए सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरि ने आनंद गिरि और अन्य शिष्यों के नाम का उल्लेख किया है. उन्होंने सुसाइड नोट में माना कि वह कई कारणों से परेशान थे और इसी वजह से वे अपना जीवन समाप्त कर रहे हैं. उन्होंने लिखा कि वे हमेशा गर्व के साथ जीते रहे और लेकिन वे इसके बिना नहीं रह पाएंगे. महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में आनंद गिरि से पूछताछ करने के लिए यूपी पुलिस की टीम हरिद्वार पहुंच चुकी है. जिसमें 10 से अधिक पुलिस अधिकारी शामिल हैं.
महंत नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि आश्रम के बारे में क्या करना है और वसीयत नामा भी लिखा है. वसीयतनामे में लिखा है कि किसका ध्यान रखा जाना है. किस को क्या दिया जाना है. सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा है कि मैंने आत्महत्या की है. क्योंकि वे अपने शिष्य से दुखी थे.
उत्तर प्रदेश के एडीजी कह रहे कि इस मामले में आनंद गिरि को हिरासत में ले लिया गया है, जबकि आनंद गिरि ने एडीजी के इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि मुझे हिरासत में नहीं लिया गया है.
उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि यूपी पुलिस से फोन आने के बाद आनंद गिरि को हरिद्वार आश्रम में पुलिस की निगरानी में रखा गया था. यूपी पुलिस के आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक महंत नरेंद्र गिरी के सुसाइड नोट में आनंद गिरि के अलावा लेटे हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी का नाम भी शामिल है. इसी वजह से पुलिस ने पिता-पुत्र दोनों को हिरासत में ले लिया है. अब उनसे पूछताछ की जाएगी.

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