बिहार के मदरसे वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाकर उदाहरण प्रस्तुत करें: आर्लेकर

Update: 2023-09-11 17:28 GMT
पटना(आईएएनएस)। बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने सोमवार को कहा कि मदरसा सिस्टम पारंपरिक शिक्षा पद्धति है। बिहार के मदरसों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाकर देश एवं दुनिया के समक्ष उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कर कहा कि वहां आईटी, कम्प्यूटर आदि की भी पढ़ाई होनी चाहिए। पटना के खुदाबख्श ओरिएंटल पब्लिक लाइब्रेरी में आयोजित मदरसा सिस्टम पर दो दिवसीय सेमिनार के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि बिहार के मदरसों को देश के सामने उदाहरण बनना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मदरसे में दी जाने वाली अच्छी शिक्षा एवं समाज व देश के हित में की जाने वाली गतिविधियों से सबको अवगत कराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पटना का खुदाबख्श ओरिएंटल पब्लिक लाइब्रेरी बिहार की शान और देश की संपत्ति है। यहां की किताबें हमारी संस्कृति को प्रतिबिम्बित करती हैं। इस पुस्तकालय ने विश्व को भारत की विशेषताओं से अवगत कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
राज्यपाल ने कहा कि हमारा देश अनेक वर्षों से पूरी दुनिया का मार्गदर्शन करता रहा है। यहां के लोग दूसरे देशों में अपने विचारों और विशेषताओं को लेकर गए हैं। उनके आचरण एवं संस्कार से ही पता चलता है कि वे भारतीय हैं। आपसी प्रेम और भाईचारा हमारी संस्कृति है। आज की शिक्षा पद्धति में इस विचारधारा को शामिल करने की जरूरत है। राज्यपाल ने खुदाबख्श ओरिएंटल पब्लिक लाइब्रेरी में परिश्रम और लगन से काम करने वाले कर्मियों एवं दाराशिकोह पुरस्कार के विजेताओं को पुरस्कृत भी किया। कार्यक्रम में खुदाबख्श ओरिएंटल पब्लिक लाइब्रेरी की निदेशक डॉ. शायेस्ता बेदार एवं अन्य लोग उपस्थित रहे।
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