Lupin ने की कोरोना की एंटीवायरल दवा भारतीय बाजार में लॉन्च, कोविड-19 के इलाज के लिए होगा कारगार
देश में कोरोना संकट के फिर से तेजी से पैर फैलाने के बीच एक अच्छी खबर है।
देश में कोरोना संकट के फिर से तेजी से पैर फैलाने के बीच एक अच्छी खबर है कि कोविड-19 (COVID-19) से उपचार के लिए विश्व प्रसिद्ध दवा निर्माता ल्यूपिन (Lupin) ने मोलनूलुप (Molnulup) दवा भारत के बाजार में उतारी है. दवा निर्माता ल्यूपिन ने आज शुक्रवार को ऐलान करते हुए कहा कि उसने देश में मोलनूलुप ब्रांड नाम से एंटीवायरल दवा मोलनुपिरावीर कोविड-19 के इलाज के लिए उतारी है.
मोलनुपिरावीर एक एंटीवायरल ड्रग है. इस दवा को फ्लू यानी इंफ्लुएंजा के इलाज के लिए तैयार किया गया था. यह एक ओरल ड्रग है और इसका इस्तेमाल कोरोना वायरस के हल्के लक्षणों वाले मरीजों पर किया जा रहा है. इस दवा का पूरा कोर्स 5 दिन का होता है.
सही समय पर मिली मोलनूलुप को मंजूरीः ल्यूपिन
भारत को औषधि महानियंत्रण (डीसीजीआई) द्वारा ऐसे वयस्क कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए मोलनुपिरावीर दवा को आपातकालीन उपयोग को लेकर प्राधिकरण दिया गया है जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने सहित बीमारी के बढ़ने का उच्च जोखिम है.
ल्यूपिन के अध्यक्ष- इंडिया रीजन फार्मूलेशन (आईआरएफ) राजीव सिब्बल ने अपने एक बयान में कहा, 'मोलनूलुप को मंजूरी उचित समय पर मिली है क्योंकि भारत में कोविड-19 से जुड़े मामले फिर से बढ़ रहे हैं.' उन्होंने कहा, 'पिछले दो वर्षों में कोविड-19 के सामने आने के बाद से मुंह से दी जा सकने वाली एंटीवायरल दवा की आवश्यकता महसूस की जा रही थी जिसे चिकित्सक मरीजों के लिए लिख सकें और जिन्हें मरीज सुगमतापूर्वक घर पर ले सकें.'राजीव सिब्बल ने कहा कि कंपनी के मजबूत वितरण तंत्र के जरिये मोलनूलुप को मरीजों की मांग के अनुरूप अखिल भारतीय स्तर पर दवा घरों में उपलब्ध कराया जाएगा.
मोलनुपिरावीर मुंह से दी जाने वाली एंटीवायरल दवा
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, मोलनुपिरावीर मुंह से दी जाने वाली एंटीवायरल दवा है और ब्रिटेन के औषधि एवं स्वास्थ्य देखभाल उत्पाद नियामक एजेंसी (एमएचआरए) तथा अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) द्वारा कोविड-19 के हल्के व मध्यम लक्षण वाले मरीजों के उपचार के लिए इसकी मंजूरी दी गई है. मुंह के जरिए दी जाने वाली मोलनुपिरवीर कोविड-19 के प्रेरक एजेंट सार्स-सीओवी-2 की प्रतिकृति को रोकता है.
इससे पहले कोविड-19 की दवा मोलनुपिराविर इसी हफ्ते से मेडिकल स्टोर पर मिलनी शुरू हो जाएगी. पिछले दिनों ड्रग कंट्रोलर अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने देश की फार्मा कंपनियों को यह अहम दवा बनाने और बेचने की अनुमति दी थी. इनमें डॉ. रेड्डीज, सन फार्मा, सिप्ला, हीटेरो, टॉरेंट और ऑप्टिमस समेत 13 ड्रंग कंपनियां शामिल हैं. फार्मा कंपनियों की ओर से मोलनुपिराविर की जो कैप्सूल तैयार की गई है उसकी कीमत 35 से लेकर 63 रुपये प्रति कैप्सूल तक रखी गई है.