राजस्थान। राजस्थान के जोधपुर जिले के भूंगरा गांव के कालूसिंह अग्निवीर बन गया. दरअसल गैस सिलेंडर ब्लास्ट में कालूसिंह की मां बुरी तरह से झुलस गई थी. जिन्हें महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. इसके बाद कालू अग्निवीर की तैयारी छोड़ मां की सेवा में लग गया. ऐसे में उसके सामने दुविधा बनी रही कि वह मां की सेवा करे या सब कुछ छोड़छाड़ सेना में भर्ती होने की तैयारी पर लग जाए.
70 फीसदी जल चुकी मां और रिश्तेदारों ने कालू को समझाया और सेना भर्ती की होने वाली दौड़ में हिस्सा लेने को कहा. 10 दिसंबर को कालूसिंह अपने कागजात जमा कराए और 12 दिसंबर की सुबह हुई दौड़ में उसने 100 में से 100 नंबर हासिल किए.
जब कालू सेना की भर्ती के लिए दौड़ रहा था. तब उसकी मां गवरी कंवर ने दुनिया को अलविदा कह दिया. लेकिन रिश्तेदारों ने उसे इसकी सूचना नहीं दी. कालू सिंह ने फिजिकल टेस्ट भी पास कर लिया फिर लिखित परीक्षा भी पास की. अब रविवार को सेना में भर्ती का रिजल्ट आया जिसमें कालूसिंह का चयन हो गया.दौड़ में उसने 100 में से 100 नंबर हासिल किए. सेना में सलेक्शन होने के बाद उसे इस बात का बड़ा मलाला है कि भारतीय सेना की यूनिफर्म पहनकर वह अपनी मां को नहीं देख पाएगा. बता दें, शेरगढ़ इलाके के भूंगरा गांव में गैस त्रासदी में 35 लोगों ने दम तोड़ चुके हैं. लेकिन कालू सिंह ने ऐसी त्रासदी में भी खुद को कमजोर नहीं होने दिया और सफलता हासिल की.
बीजेपी के जिला महामंत्री जसवंत सिंह इंदा ने बताया कि विपरीत हालातों में तैयारी कर सेना में भर्ती हुए कालू सिंह पर गर्व है. भूमरा गैस त्रासदी में राजस्थान सरकार के राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुड़ा की तरफ से 35 लाख रुपये का चेक पीड़ित परिवारों को सौंपा गया.