बूंदी। बूंदी बालाजी डूंगरी स्थित खनन क्षेत्र में सभी खदानों के एनओसी की मियाद खत्म होने से लॉकडाउन की स्थिति आ गई है।खनन क्षेत्र में संचालित अंतिम लीज धारक की एनओसी की समयावधि इस माह समाप्त हो रही है। इसके बाद सभी खदानें बन्द हो जाएगी।गौरतलब है कि इन खदानों को पर्यावरण विभाग से एनओसी नहीं मिलने से एक-एक कर सभी खदानों की तालाबंदी हो चुकी है।वर्तमान में खनन क्षेत्र में मात्र एक लीज धारक के पास एनओसी है।वह भी इस माह के अन्त में समाप्त होने से खदानों में काम करने वाले मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा होने वाला है।
पूर्व में राष्ट्रीय अभयारण्य के आस-पास संचालित खदानों में 10 किलोमीटर परिक्षेत्र में खदानें संचालित नहीं करने का आदेश था,जिसे सुप्रीम कोर्ट द्वारा बदलकर एक किलोमीटर कर दिया गया है।उक्त खदानें रणथंभौर टाइगर रिजर्व से 9 किलोमीटर एवं रामगढ़ अभयारण्य से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह खदानें एनओसी के अभाव में बंद हो रही हैं। खनन क्षेत्र से बेरोजगार होने वाले मजदूर परिवारों की और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों द्वारा भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।मजदूर का कहना है कि चुनाव में वोट मांगने वाले नेता तो बहुत आते हैं, लेकिन उनके परिवारों पर आए संकट को लेकर किसी जनप्रतिनिधि को कोई सरोकार नहीं है।किसी जनप्रतिनिधि ने क्षेत्र में आकर उनकी समस्या के समाधान का कोई कार्य नहीं किया है।