LJP के कोषाध्यक्ष पर बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार का आरोप, भ्रष्टाचार के मामले में विजिलेंस का नोटिस

Update: 2022-07-30 17:35 GMT

राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के नेता और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की भ्रष्टाचार के मामले में मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. स्पेशल विजिलेंस यूनिट (SVU) की रडार पर केंद्रीय मंत्री के साथ पार्टी के प्रदेश कोषाध्यक्ष सुनील कुमार सिन्हा आ गए हैं. खबर के मुताबिक, भ्रष्टाचार से जुड़े एक केस में इनकी भूमिका की जांच शुरू हो गई है. पूछताछ के लिए SVU की तरफ से इन्हें एक नोटिस भी भेजा गया है. सीआरपीसी की धारा 10 के तहत भेजे गए इस नोटिस में कहा गया है कि सुनील कुमार सिन्हा 2 अगस्त को 11 बजे दिन में दारोगा राय पथ स्थित स्पेशल विजिलेंस यूनिट के ऑफिस आए और यहां आकर अपना पक्ष के साथ SVU के कुछ सवालों का जवाब दें.

जानकारी के मुताबिक, सुनील कुमार पर भ्रष्टाचार करने वाले नगर विकास विभाग के तहत बुडको में पोस्टेड एग्जीक्यूटिव इंजीनियर अनिल कुमार यादव के साथ सांठगांठ का आरोप लगा है. विजिलेंस के सूत्र बताते हैं कि सुनील कुमार सिन्हा ने एग्जीक्यूटिव इंजीनियर का भरपूर साथ दिया है. यह बात SVU की अब तक के हुए जांच के दौरान सामने आ गई है. विशेष विजिलेंस यूनिट की तरफ से सुनील को यह नोटिस 29 जुलाई को जारी की गई है.
कोषाध्यक्ष पर बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा है. आरोप के मुताबिक अभियंता अनिल कुमार यादव 400 करोड़ का टेंडर पास कराने में धांधली की थी, जिस पर जांच के दौरान विजिलेंस यूनिट ने एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के खिलाफ 98 लाख 41 हजार 366 रुपए का आय से अधिक संपत्ति के मामले में FIR दर्ज की थी.
मामले में स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने अनिल कुमार यादव के पटना में पुनाईचक स्थित फ्लैट और राजापुर पुल के पास स्थित ऑफिस में छापेमारी की थी. तब इनके सरकारी आमदनी से 5 गुणा अधिक की चल-अचल संपत्ति का पता चला. इनके पास करोड़ों की प्रॉपर्टी है जिसमें 5 प्रॉपर्टी पटना और 1 मधेपुरा में है. बड़ी बात यह है कि सरकारी नौकरी में आने के बाद से अनिल कुमार यादव की कुल कमाई सैलरी के तौर पर 65 लाख रुपया ही है.
अनिल कुमार यादव से केंद्रीय मंत्री की पार्टी का सीधा संबंध पता चला है, जिसमें कोषाध्यक्ष सुनील कुमार सिन्हा पर भी आरोप लगा है. छापेमारी में अनिल यादव के घर से 35 लाख की ज्वेलरी और 2 लाख रुपए कैश बरामद किए गए थे. कई बैंक अकाउंट के पासबुक जब्त हुए थे. चेक के जरिए 75 लाख रुपए पेमेंट करने का भी सबूत मिला था. अलग-अलग फंड में 9 लाख रुपए इन्होंने इंवेस्ट कर रखा है. इसका भी सबूत हाथ लगा था.
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