बिहार में शराबबंदी विफल, दूषित शराब पीने से हुए दिव्यांगों को मिले 2 लाख रुपए का मुआवजा: सुशील मोदी
पटना (आईएएनएस)| बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जहरीली शराब पीने से मरने वाले परिजनों को चार लाख रुपए मुआवजे की घोषणा के बाद मंगलवार को भाजपा के नेता सुशील मोदी ने दूषित शराब पीने से हुए दिव्यांगों को भी 2 लाख रुपए का मुआवजा देने की मांग कर दी। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि कानून में इसका प्रावधान तक है।
भाजपा प्रदेश कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री मोदी ने कहा कि जो पिएगा, वह मरेगा जैसी टिप्पणी के लिए मुख्यमंत्री को माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा के दबाव में अंतत: मुख्यमंत्री को झुकना पड़ा और मुआवजे की घोषणा करनी पड़ी।
भाजपा नेता ने कहा कि सरकार ने शराबबंदी के बाद जहरीली शराब पीने के 30 मामलों में 196 मृत्यु की बात स्वीकार कर रही है जबकि सरकार वर्ष 2019, 2020 में शून्य मृत्यु की बात कह रही है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि मरने वालों की संख्या 500 से ज्यादा है।
मोदी ने कहा कि कानून के तहत मृतक के परिजनों को 4 लाख मुआवजा का प्रावधान है जबकि गंभीर रूप से बीमार को 2 लाख रुपया तथा अन्य पीड़ित को 20 हजार रुपया का प्रावधान है।
उन्होंने सरकार से कहा कि जिनकी आंखें चली गईं या जहरीली शराब पीने से विकलांग हो गए, उन्हें भी 2 लाख रुपया का मुआवजा मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मुआवजा को लेकर जो कठिन शर्त को आसान करना चाहिए। मुआवजे का भुगतान विलंब से करने के कारण ब्याज सहित मुआवजा दिया जाना चाहिए।
मोदी ने कहा कि राज्य में शराबबंदी कानून के तहत करीब 3.61 लाख प्राथमिकी दर्ज की गति है और 5 लाख 17 हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि 25 हजार लोग अभी अभी भी जेल में हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार को आम माफी का ऐलान कर, सभी मुकदमे वापस लेना चाहिए और जेलों में बंद 25 हजार से ज्यादा लोगों को तत्काल रिहा करना चाहिए।
भाजपा नेता ने कहा कि अब तक सरकार किसी माफिया को सजा नहीं दिलवा पाई है। उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी पूरी तरह विफल है।