बचनी चाहिए जान: पीपल के पेड़ को बनाया अड्डा, दिन-रात बैठे रहते गांव के लोग
जानिए वजह
उत्तर प्रदेश के आगरा जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जहां एक गांव के लोग घर छोड़ दिन-रात पीपल के पेड़ के नीचे गुजारते हैं, और यह एक कोरोना के डर के चलते हुआ है. इन लोगों ने यह सुन लिया कि पीपल के पेड़ के नीचे खड़े होने से ऑक्सीजन लेवल बढ़ जाता है. दरअसल, यह मामला आगरा के नौफरी गांव का है, यहां के लोग पीपल के पेड़ के नीचे बैठ कर ऑक्सीजन खींच रहे हैं. इन दिनों यहां पीपल के पेड़ के नीचे लोगों की भारी भीड़ नजर आ रही है. गांव के इस सैकड़ों वर्ष पुराने पीपल के पेड़ को लोग जीवन रक्षक मान रहे हैं.
सुबह-शाम काफी संख्या में लोग पीपल के पेड़ के नीचे बैठ रहे हैं. गांव के रहने वाले विनोद शर्मा ने तो पीपल के पेड़ पर ही खाट डाल ली है, विनोद शर्मा का ऑक्सीजन लेवल कुछ समय पहले तक कम था. लोगों ने उन्हें सलाह दी तो उन्होंने पीपल के पेड़ पर ही खाट डाल ली है. पिछले 15 दिन से रोजाना विनोद शर्मा पीपल के पेड़ पर ही रहते हैं, विनोद शर्मा पीपल के पेड़ पर खाट डालकर सोते हैं और दिनभर में करीब 5 घंटे तक पीपल के पेड़ पर ही बने रहते हैं. विनोद शर्मा का दावा है कि उनका ऑक्सीजन लेवल अब पहले से काफी बेहतर है. विनोद शर्मा ही नहीं गांव के अन्य ग्रामीण भी पीपल के पेड़ के नीचे डेरा जमाए बैठे नजर आते हैं.
सुबह के वक्त गांव के लोग पेड़ के नीचे कसरत और योग करते हैं और दोपहर का समय भी गांव के लोग पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर समय व्यतीत करते हैं. पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर ऑक्सीजन ले रहे कई लोगों का मानना है ऑक्सीजन लेवल बीमारी के चलते कम हो गया था लेकिन जब से लोगों ने पीपल के पेड़ के नीचे बैठना शुरू किया है. लोगों की सेहत में तो सुधार हुआ ही है, ऑक्सीजन लेवल भी काफी बढ़ गया है. ग्रामीणों का कहना है कि पीपल के पेड़ के नीचे बैठने से उन्हें काफी राहत मिली है, उनकी हालत और तबीयत सुधर गई है. ग्रामीणों का कहना है कि पीपल के पेड़ से मिल रही मदद को देखते हुए उन्होंने गांव में पीपल के पेड़ पौधों का रोपण भी किया है.