युवक की हत्या: 15 को आजीवन कारावास, जानें सनसनीखेज मामला
जुर्माना भी लगाया।
मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर की एक अदालत ने 2019 में पुरानी रंजिश को लेकर एक युवक की पीट-पीटकर हत्या करने के मामले में 15 लोगों को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई और उन पर जुर्माना भी लगाया।
शासकीय अधिवक्ता रामनिवास पाल ने शुक्रवार को बताया कि 12 अगस्त 2019 को जिले के बुढ़ाना क्षेत्र में पुरानी रंजिश को लेकर एक ही समुदाय के दो पक्षों के बीच हिंसक टकराव हुआ था और उस दौरान रफीक नामक एक युवक की मौत हो गई थी और आठ अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्होंने बताया कि इस मामले में बुढ़ाना थाना में 15 लोगों के खिलाफ हत्या और हत्या के प्रयास के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था।
शासकीय अधिवक्ता ने कहा कि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सभी गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर दोषी मानते हुए आरोपी इरशाद, नफीस, फरहान, इरफान, एहसान, शहजाद, यूनुस, अनीस, सगीर, इरफान, परवेज, तहसीन, ढोला, वकील और शकील को आजीवन कारावास की सजा सुनाई तथा उन पर 10-10 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया।
पहली बार ट्रांसजेंडर को फांसी की सजा
ट्रांसजेंडर शख्स को अदालत ने तीन महीने की बच्ची से रेप और हत्या के जुर्म में मौत की सजा सुनाई है। यह देश का पहला मामला है, जब किसी ट्रांसजेंडर को फांसी की सजा मिली है। मुंबई की सेशन कोर्ट के जज अदिति कदम ने यह फैसला सुनाया है। जज अदिति कदम ने फैसला सुनाते हुए कहा, 'उम्रकैद नियम है और मौत की सजा अपवाद है। रेयर ऑफ द रेयरेस्ट केस में यह सजा मिलती है। यह अपराध ऐसा ही है। इस मामले में जिस तरह से अमानवीयता और बर्बरता दिखाई गई, उससे यह दुर्लभ केस बन जाता है।'
24 साल के ट्रांसजेंडर पर नवजात बच्ची की किडनैपिंग, रेप और हत्या का केस चल रहा था। उसने मुंबई के कफे परेड इलाके में 2021 में इस वीभत्स घटना को अंजाम दिया था। ट्रांसजेंडर शख्स को अदालत ने जब सजा सुनाई तो उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं था और वह चुपचाप खड़ा रहा। वहीं घटना का शिकार हुई नवजात बच्ची के माता-पिता और परिवार के अन्य लोग फैसले के बाद अदालत पहुंचे। बच्ची के पिता ने कहा कि इस मामले में अदालत में तेजी से कार्यवाही आगे बढ़ी। हम इस फैसले से संतुष्ट है।
जांच के मुताबिक बच्ची के जन्म के बाद ट्रांजसेंडर परिवार के पास गिफ्ट की मांग करते हुए पहुंचा था, जैसा कि आम रिवाज है। हालांकि परिवार ने उसे कोई शगुन देने से इनकार कर दिया। इस मौके पर परिवार के साथ उसका झगड़ा भी हुआ था। इससे वह परिवार से चिढ़ने लगा था। एक दिन जब परिवार के लोग सो रहे थे, तब वह चोरी से घर में घुस आया। वह बच्ची को उठा लाया और उसका रेप किया। फिर उसकी हत्या कर दी और पास की एक नहर में फेंक दिया। पॉक्सो कोर्ट की जज ने कहा कि यह कोल्ड ब्लडेड मर्डर था।
उन्होंने कहा कि यह ऐसा अपराध जिसने किसी भी बच्ची के माता-पिता को सदमे में डाल दिया। दोषी के दिमाग में किस हद तक जहर भरा था और उसकी क्या मानसिकता रही होगी, यह भी समझ से परे है। जज ने कहा कि यह मामला मौत की सजा के लिए उपयुक्त है। फैसले में जज ने कहा कि दोषी ने पहले से ही इस तरह के घृणित अपराध की योजना बना रखी थी। फिर उसे कुत्सित तरीके से अंजाम दिया गया। इस मामले में बच्ची की मां ने शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि अदालत ने इस मामले के एक अन्य आरोपी को बरी कर दिया है।