13 साल पुराने मर्डर-फायरिंग के मामले में 6 आरोपियों को मिला आजीवन कारावास
धौलपुर। वर्ष 2010 में बाड़ी के डांग बसई थाना क्षेत्र के डायलन का पुरा गांव में घर पर खाना खाकर पशुओं के काम में लगे परिवार के छह सदस्यों को बंधक बनाकर फायरिंग करने और पथराव की घटना में एक व्यक्ति की हत्या करने का मामला सामने आया है. उपखण्ड, बाड़ी कस्बे के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट। जिला एवं सत्र न्यायालय ने इस मामले में दोषी पाये गये हत्या के छह आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. एडीजे कोर्ट के अपर लोक अभियोजक अधिवक्ता मनोज सिंह परिहार ने बताया कि यह घटना वर्ष 2010 में 2 मार्च की है, जिसमें पीड़ित रामरस, रामअख्तियार, रामधर, अशोक, कल्याण व रामभरोसी खाना खाकर पशुओं के लिए चारा पानी की व्यवस्था में लगे थे. बसई डांग थाना क्षेत्र के डायलान का पुरा गांव में अपने घरों पर। इसी बीच गांव के नेकराम, रामबरन, पप्पू, रामवीर, जयराम, भोला, बंटी, कल्ला, रामहेत, मलखान, राकेश, सियाराम, दर्शन, बच्चू समेत करीब दो दर्जन लोगों ने लाठी-डंडों और हथियारों से लैस होकर घर को घेर लिया और ताबड़तोड़ फायरिंग की। उक्त घटना में रामभरोसी की गोली लगने से मौके पर ही मौत हो गयी। वहीं, परिवार के अन्य सदस्यों ने इधर-उधर छिपकर अपनी जान बचाई।
इस दौरान आरोपी गांव में दहशत फैलाते हुए फायरिंग करते हुए भाग गए। घटना को लेकर पीड़ित रामरस पुत्र करण सिंह गुर्जर ने बसई डांग थाने में मामला दर्ज करवाया है। जिसका मुकदमा एडीजे कोर्ट में विचाराधीन था। मामले में आज एडीजे नीरज कुमार ने उक्त मामले में फैसला सुनाते हुए मामले में वांछित छह अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है तथा जुर्माने से भी दंडित किया है. एडीजे कोर्ट ने रामभरोसी हत्याकांड में फैसला सुनाते हुए आरोपी पप्पू पुत्र रामबरन गुर्जर, रामबरन पुत्र हरिपाल गुर्जर, जयराम पुत्र हरिपाल गुर्जर, बंटी पुत्र रामवीर गुर्जर, रामवीर पुत्र हरिपाल गुर्जर को सजा सुनाई है। तथा भोला पुत्र रामबरन गुर्जर को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास की सजा दी गई है। साथ ही पांच हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है। छह आरोपियों में हरिपाल के तीन बेटे जयराम, रामवीर और रामबरन शामिल हैं। वहीं रामवरन के तीन बेटे पप्पू, बंटी और भोला हैं।