उत्तर प्रदेश के रूल्स एंड मैन्युअल विंग में कभी एडीजी रहे आईपीएस अधिकारी जसवीर सिंह की बहाली को लेकर पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर और सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. गृहमंत्री अमित शाह से भी गुहार लगाई गई है कि जसवीर सिंह के निलंबन केस का संज्ञान लिया जाए और अगर निलंबन गलत पाया जाए तो उनको जल्द बहाल किया जाए.
दरअसल उत्तर प्रदेश में बीते ढाई सालों से यूपी सरकार, आईपीएस अधिकारी जसवीर सिंह को अब तक लाखों रुपए वेतन दे चुकी है लेकिन उनसे कोई भी सरकारी काम नहीं लिया है. बीते ढाई वर्षों से सस्पेंड अधिकारी को अब भी बहाली का इंतजार है लेकिन सरकार बहाल करने के मूड में नजर नहीं आ रही है.
फरवरी 2019 में योगी सरकार ने जसवीर सिंह को अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन एवं अपील) नियमावली के तहत सस्पेंड कर दिया था. आरोप लगाया गया था कि जसवीर सिंह ने पुलिस सेवा में रहते हुए नियमावली के विरुद्ध आचरण किया. फरवरी 2019 से जुलाई 2021 तक जसवीर सिंह को सस्पेंड हुए 2 साल 5 महीने पूरे हो चुके हैं. लगभग ढाई सालों से एडीजी रैंक का एक आईपीएस अफसर यूपी में सस्पेंड चल रहा है, बहाली नहीं की गई है.
जानकारों की मानें तो आईपीएस अफसर का निलंबन अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 1969 के नियम 3 से संचालित किया जाता है. इस नियमावली के तहत साफ लिखा है कि भ्रष्टाचार से इतर अन्य मामलों में सस्पेंशन की अधिकतम सीमा 1 साल और भ्रष्टाचार जैसे गंभीर आरोप में 2 साल तक हो सकती है. किसी भी अफसर के सस्पेंड होने के 90 दिन में पहली बार और 180 दिन पर दूसरी बार रिव्यू करना होगा की सस्पेंशन हटना है या नहीं.
दावा किया गया है कि आईपीएस जसवीर सिंह 2 साल बाद भी सस्पेंड चल रहे हैं. सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि नियमों के चलते 1 साल बाद से सरकार जसवीर सिंह को उनकी पूरी तनख्वाह भी दे रही है. एक अनुमान के मुताबिक सरकार अब तक सस्पेंड चल रहे जसवीर सिंह को 40 लाख रुपए सरकार दे चुकी है लेकिन जसवीर सिंह से एक रुपये का सरकारी काम नहीं ले पाई है.
दरअसल एडीजी रूल्स एंड मैनुअल रहते हुए जसवीर सिंह ने एक इंटरव्यू में प्रदेश सरकार की एनकाउंटर नीति समेत तमाम नीतियों पर सवाल खड़े किए थे. साथ ही जसवीर सिंह ने 2002 में एसपी महाराजगंज रहने के दौरान योगी आदित्यनाथ पर रासुका लगाने के फैसले पर ट्रांसफर किए जाने की बात कही थी. जसवीर सिंह के इसी बयान को अखिल भारतीय सेवा नियमावली का उल्लंघन माना गया था, जिसके चलते सस्पेंड कर दिया गया था.
अब पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर एवं सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने 1992 बैच के आईपीएस जसवीर सिंह की नियम विरुद्ध निलंबन और जल्द बहाली को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है. सोशल एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर और पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने प्रधानमंत्री के साथ साथ गृह मंत्री अमित शाह को भी पत्र लिखकर मांग की है कि जसवीर सिंह के निलंबन मामले पर संज्ञान लिया जाए. अगर निलंबन गलत पाया जाए तो उनको जल्द बहाल किया जाए.