मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा उलटफेर हो गया है. एनसीपी नेता अजित पवार शिंदे सरकार में शामिल हो गए हैं. उन्होंने डिप्टी सीएम पद की शपथ ले ली है. इसके साथ ही उनके 9 विधायक भी शिंदे सरकार में शामिल हो गए हैं. उनके साथ पार्टी के 18 विधायक हैं. भाजपा-शिवसेना गठबंधन को समर्थन देने और सरकार में शामिल होने का अजित पवार का फैसला 2024 से पहले विपक्षी एकता के लिए एक बड़ा झटका है. इस बीच एनसीपी ने अजित पवार और 9 अन्य विधायकों के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष को पास अयोग्यता याचिका दायर की है.
वही एनसीपी ने अकोला जिला के अध्यक्ष विजय देशमुख और मुंबई विभाग के कार्याध्यक्ष नरेंद्र राणे को भी शपथ विधि कार्यक्रम में हाजिर रहने के चलते पद से हटा दिया है. NCP विधायक शिवाजीराव गरजे को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से बर्खास्त कर दिया गया है. यह एनसीपी की ओर से की गई पहली तरह की कार्रवाई है. शिवाजीराव गर्जे अजित पवार के करीबी हैं और वह शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद थे. साथ ही अजित पवार की बगावत के बाद से महाराष्ट्र की सियासत गरमा गई है. अब एनसीपी ने पार्टी गतिविधियों के आरोप में प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे को पार्टी से निकाल दिया है.